गोपेश्वर।
चमोली के मुख्य विकास अधिकारी डा ललित नारायण मिश्र ने कहा कि नशीले पदार्थो का सेवन और अवैघ व्यापार आज समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। नशा से सबसे अधिक युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है और इससे समाज में अपराध की प्रवृति बढती जा रही है। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नशाखोरी की रोकथाम और आम जनमानस को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने को लेकर हुई बैठक में मंगलवार को उन्होंने यह बात कही।
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा मिश्र ने नशे की बढती प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए सभी संबधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर वृहद स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि नशाखोरी को रोकने के लिए सक्रियता के साथ मिलकर अभियान चलाया जाए। विद्यालयों में गठित एंटी ड्रक्स कमेटी को सक्रिय किया जाए। प्रार्थना सभाओं में छात्रों की काउंसिलिंग की जाए। उच्च शिक्षण संस्थाओं में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराए। सभी मेडिकल और शराब की दुकानों का नियमित निरीक्षण किया जाए। जिले में अवैध रूप से की जा रही भांग की खेती को नष्ट करें। जिले की प्रवेश सीमाओं पर चौकसी बढाकर बाहर से नशीले पदार्थो की तस्करी रोकी जाए। निर्धारित स्थानों के अतिरिक्त कही भी शराब की ब्रिकी न हो इसके लिए पुलिस एवं आबकारी विभाग नियमित रूप से संयुक्त निरीक्षण करें। तनाव से ग्रसित युवाओं को योगा एवं मेडिटेशन सेंटर से जोड़ा जाए। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि नशा उन्मूलन के लिए अच्छा कार्य करने वालों को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
पुलिस उपाधीक्षक नताशा सिंह ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत इस वर्ष 23 मुकदमे दर्ज हुए है। जिसमें चरस से संबधित 14, स्मैक के 08, कैटामाईन से संबधित 01 मामला सामने आया है। जिसमें 11.96 किग्रा चरस, 50.6 ग्राम स्मैक तथा 1.6 ग्राम कैटामईन बरामद की गई है और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि नशाखोरी की रोकथाम के लिए एनकोर्ड व एएनटीएम सदस्यों एवं ग्राम चौपालों के माध्यम से इस वर्ष अभी तक 40 जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए है। बैठक में एसीएमओ ने तम्बांकू नियंत्रण को लेकर संचालित किए जा रहे कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी।
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