गोपेश्वर।
भोजपत्र की छाल चमोली की नीती-माणा घाटियों का आर्थिकी का जरिया बन कर उभर रहा है। की जन जातीय महिलाओं की आर्थिकी का जरिया बना भोजपत्र। माणा घाटी की जनजाति की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेाजपत्र पर लिखी श्री बद्रीनाथ जी की आरती और भोजपत्र पर ही एक चिठ्ठी प्रेषित किया है।
अपर जिला सूचना अधिकारी रविन्द्र नेगी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल बद्रीनाथ भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माणा भ्रमण के दौरान भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की प्रशंसा और सराहना के थी जिसके बाद इन इलाकों में यह कार्य बढ़ा और फैला है, इसी से उत्साहित माणा गांव की महिलाओं ने पीएम को यह भेंट भेजी है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमान्त गांव माणा आए थे। इस दौरान माणा में आयोजित सरस मेले में स्वयं सहायता समूह की जनजाति महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। जनजाति महिलओं द्वारा भेाज पत्र पर तैयार कलाकृति को देखकर प्रधानमंत्री ने महिलाओं द्वारा किए गए इस प्रयास की प्रशंसा की थी और चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद पर अपने यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत अंश व्यय करने का आहवान किया।
भोजपत्र कलाकृति की महत्ता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने माणा से जाते ही 22 अक्टूबर को ट्वीट करते हुए लिखा कि भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं।
जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयास किए गए, जिसके अन्तर्गत भोजपत्र स्मृति चिह्न बनाने के लिये सुलेख प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई एसएचजी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
इन महिलाओं द्वारा निर्मित इन स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा अच्छे दामों पर खरीदा जा रहा है। इससे महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है।
माणा गांव में इस कार्य में लगी बहिनों का कहना है कि भोजपत्र की कलाकृतियों के विक्रय से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है।
The bark of Bhojpatra has become a source of economy for the well-known valleys of Niti and Mana in District Chamoli, Uttarakhand. Badrinath, Schedule Tribes, Women empowerment, artisans,