गोपेश्वर।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर परिसरों में पेटीएम के क्यूआर कोड के जरिए मंदिर में दान लेने के चर्चित मामले में पेटीएम की ओर से सफाई मिलने के बाद श्री बद्रीनाथ मंदिर समिति बैकफुट पर आ गई है। समिति की अंदरुनी जांच में पता चला है कि पेटीएम के साथ अनुबंध के बाद श्री बद्रीनाथ मंदिर समिति को पेटीएम के माध्यम से अब तक 67 लाख रुपए दान के रूप में प्राप्त हुए हैं। इस मामले में पूर्व में बद्रीनाथ और केदारनाथ में मामले दर्ज किए गए थे।
पेटीएम के साथ अनुबंध का प्रस्ताव 2017
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पेटीएम द्वारा देश के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं/ तीर्थ यात्रियों को डिजिटल दान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
इस क्रम में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वर्ष 2017 में संपन्न बोर्ड बैठक में केदारनाथ धाम में यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पेटीएम के साथ अनुबंध का प्रस्ताव पारित हुआ था।
2018 में बीकेटीसी और पेटीएम के बीच विधिवत अनुबंध
जिस पर 2018 में बीकेटीसी और पेटीएम के बीच विधिवत अनुबंध हुआ था । तब से निरंतर पेटीएम द्वारा श्री केदारनाथ धाम में क्यूआर कोड के छोटे साइन बोर्ड लगाए जाते रहे हैं।
पेटीएम की ओर से वर्तमान यात्रा काल में श्री केदारनाथ के अलावा श्री बदरीनाथ धाम में बड़े साइज के कई साइन बोर्ड लगाए गए। मगर पेटीएम की ओर से क्यूआर कोड के बोर्ड लगाने से पूर्व बीकेटीसी के सक्षम अधिकारियों को लिखित अथवा मौखिक किसी भी तरह से बोर्ड लगाने अथवा उनके साइज, स्थान आदि के बारे में कोई चर्चा/जानकारी नहीं दी गई।
बताया कि प्रकरण के बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर इन्हें तत्काल हटा दिया गया था। बीकेटीसी ने प्रकरण की अपने स्तर से भी जांच की और किसी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका के चलते पुलिस को लिखित में शिकायत सौंपी।
संवादहीनता से बनी स्थिति
बीकेटीसी की आंतरिक जांच और पुलिस में शिकायत के पश्चात पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मंदिर प्रशासन से संपर्क किया गया। पेटीएम की ओर से हुई इस चूक पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कंपनी के अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई और इसे गैर जिम्मेदाराना रवैया बताया। इस पर पेटीएम के अधिकारियों द्वारा बीकेटीसी प्रशासन से मौखिक रूप में अपनी गलती को स्वीकारते हुए पूरे घटनाक्रम को लेकर खेद व्यक्त किया गया है।