रुद्रप्रयाग।
श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बुधवार सबेरे शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इसके साथ पंच केदार के उच्च हिमालय के सभी चार केदारों के कपाट बंद हो गए हैं। इस मौके पर मंदिर को गेंदें के फूलों से सजाया गया था। सात सौ से अधिक तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय श्रद्दालुजन की मौजूदगी में कपाट बंद होने की प्रक्रिया संपन्न हुई।
पंच केदारों में प्रसिद्ध द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट बुधवार को शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर पूर्व भाद्रपदा नक्ष,त्र कुंभ राशि में प्रात: साढ़े आठ बजे विधि -विधान पूजा अर्चना के बाद बंद हुए।
कपाट बंद होने के समय सात सौ से अधिक तीर्थयात्री एवं स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर मंदिर को दानीदाता के सहयोग से पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया था।
बुधवार प्रात: चार बजे श्री मदमहेश्वर मंदिर खुला भगवान मदमहेश्वर जी की अभिषेक जलाभिषेक पूजा हुई। साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहे उसके पश्चात पुजारी बागेश लिंग ने कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की भगवान शिव एवं भैरव नाथ, की पूजा- अर्चना संपन्न हुई भगवान मदमहेश्वर के स्यंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया स्थानीय फूलों- शुष्क पुष्पों राख से ढ़क दिया। इसके बाद ममहेश्वर जी की चलविग्रह डोली के सभामंडप से बाहर आते ही साढे़ आठ बजे श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। भगवान मदमहेश्वर जी की चलविग्रह डोली ने भगवान मदमहेश्वर जी के मंदिर भंडार तथा पूजा तथा भोग के तांबे पीतल धातु निर्मित पुरातन बर्तनों का निरीक्षण किया।
कपाट बंद होने के बाद मंदिर की परिक्रमा करते हुए श्री मदहेश्वर जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव गौंडार के लिए प्रस्थान हुई।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान वेदपाठी यशोधर मैठाणी,डोली प्रभारी पारेश्वर त्रिवेदी, मृत्युंजय हीरेमठ,सूरज नेगी,दिनेश, बृजमोहन,संदीप नेगी, बृजमोहन कुर्मांचली तथा गौंडार गांव के हक हकूक धारी , पुलिस प्रशासन प्रतिनिधि सहित वन विभाग के कर्मचारी एवं बड़ी संख्या यें श्रद्धालुजन मौजूद मौजूद रहे।
कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने जानकारी दी है कि इस यात्रा वर्ष 12777 बारह हजार सात सौ सत्तहत्तर श्रद्धालु भगवान मदमहेश्वर के दर्शन को पहुंचे है।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने कहा कि श्री मदमहेश्वर भगवान की चलविग्रह डोली के 25 नवंबर को श्रीओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर मंदिर समिति तथा स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया जायेगा।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया श्री मदमहेश्वर जी की चल विग्रह डोली आज 22 नवंबर को गौंडार गांव पहुंचेगी। 23नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी। 24नवंबर को गिरिया तथा 25 नवंबर को चल विग्रह डोली पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी इसके साथ श्री मदमहेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं शुरु हो जायेंगी। 25 नवंबर को उखीमठ में मुख्य रूप से श्री मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा।