श्री बदरीनाथ धाम।
गढ़वाल स्काउट के बैंड की मधुर धुनों और बद्रीविशाल के जयकारों के बीच रविवार सुबह भगवान बदरी विशाल के द्वार दर्शनों के लिए खुल गए। अब अगले छह माह तक श्रद्धालु भगवान बदलीं के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे।
कपाट खुलने की प्रक्रिया बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी की अगुवाई में शुरू हुई। बद्रीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल एवं वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने द्वार पूजन किया। भगवान बद्री विशाल के जयकारों के बीच दस हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट खुलने के साक्षी बने।
पूजा- अर्चना, वैदिक मंत्रोचारण के पश्चात रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले। कपाट खुलते ही मां लक्ष्मी को बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ गृह से मंदिर परिक्रमा परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर में विराजमान करने की परम्परा सम्पन्न हुई। जिसके बाद श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी बदरीश पंचायत में विराजमान हुए।
कपाट खुलने के दौरान वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों शिक्षकों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार पर स्वास्तिवाचन किया गया।
बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था।
बदरीनाथ में शनिवार देर रात से रात से रूक- रूक हल्की बारिस होती रही। रविवार सुबह कपाट खुलते समय भी हल्की बूंदाबांदी हुई।
भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन किया था।
माणा महिला मंगल दल द्वारा पारंपरिक चांचड़ी , चौंफुला नृत्य से भगवान बदरीविशाल एवं यात्रियों का स्वागत किया।
जिला मुख्यालय से आये प्रादेशिक रक्षा दल के महिला बैंड की भी धूम रही। मंदिर समिति स्वयं सेवकों, पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड द्वारा दर्शन व्यवस्था में पर्याप्त योगदान किया गया।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति(बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कपाट खुलने के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं कहा कि मंदिर समिति तीर्थ यात्रियों को भगवान बदरीविशाल के सरल- सुगम दर्शनों हेतु प्रतिबद्ध है इस यात्राकाल में भी भारी संख्या में तीर्थ यात्री श्री बदरीनाथ धाम दर्शन हेतु पहुंचेंगे।
शनिवार शाम को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी तथा आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी, बदरीनाथ धाम के रावल गाइूघड़ा तेलकलश श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गया था।
रविवार 12 मई को प्रातः साढ़े तीन बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित मंदिर समिति पदाधिकारी एवं सदस्य तथा विशिष्ट अतिथि रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी, साधु- संत तथा हकहकूकधारी क्रमश डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत, मेहता, भंडारी कमदी थोक के प्रतिनिधि मंदिर समिति अधिकारी, कर्मचारी मंदिर परिसर में पहुंच गये थे।
इस दौरान संपूर्ण बदरीनाथ धाम में में जय बदरीविशाल का उदघोष होने लगा तथा अभिषेक से पहले भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन शुरू हुए तथा दिन में अभिषेक के बाद भगवान बदरीविशाल के निर्वाण दर्शन होंगे।
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही सभी निकटवर्ती मंदिरों श्री गणेश मंदिर, श्री घंटाकर्ण मंदिर, श्री गरूड़ मंदिर,श्री लक्ष्मी माता मंदिर,श्री आदि केदारेश्वर मंदिर,आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर मातामूर्ति मंदिर तथा भविष्य बदरी मंदिर सुवाई तपोवन के कपाट भी खुल गये हैं।