Wednesday, March 19, 2025
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आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का स्वागत, धीरेन्द्र प्रताप।

10% horizontal reservation for Uttarakhand state agitators

गोपेश्वर।
राज्य आंदोलनकारियों को‌ 10% क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दिए जाने का धीरेंद्र प्रताप ने किया स्वागत

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड की कैबिनेट द्वारा राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का पुरजोर स्वागत किया है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस फैसले के लिए बधाई देते हुए धीरेंद्र प्रताप ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ,”देर आयद दुरुस्त आयद’।

उन्होंने कहा कि सन 2005 में ही जब मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी थे और वह उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष थे तभी उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारियो को नौकरियों में आरक्षण का सपना देखा था । जिसमें अनेक लोगों को जो राज्य आंदोलन के अगुआ थे सरकारी नौकरियों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा उनका यह प्रयास था कि नए राज्य में राज्य आंदोलनकारी सरकार में जाकर सरकारी सेवाओं में फैले भ्रष्टाचार को अपनी आंख से देखें और उसे दुरुस्त करें । खेद का विषय है कि जब उनके प्रयासों से हरीश रावत ने 2016 में गैरसेंण विधानसभा में आंदोलनकारी आरक्षण को विधानसभा से पास करवाया तो उसके बाद पिछले 7 सालों में भाजपा के गवर्नरो ने उस पर अपनी मोहर लगाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब जब भाजपा के मुख्यमंत्री ने ही कैबिनेट में प्रस्ताव मंजूर किया है तो विधानसभा भी इसे पास करेगी और जल्द ही यह कानून बनकर उत्तराखंड के हजारों राज्य निर्माण आंदोलन कारी परिवारों को इससे लाभ पहुंचेगा।
उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक और उत्तराखंड के बाहर भी यत्र तत्र सर्वत्र आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण की प्रक्रिया भी पूरी करने की मांग की है । जिन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में ऐतिहासिक योगदान दिया परंतु उन्हें चिन्हित नहीं किया जा सका ।
उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन की राशि भी कम से कम ₹15000 प्रति मास किए जाने की मांग की।

गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने के सवाल पर राज्य सरकार की हीला हवाली की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि गैरसैंण को तत्काल थाई राजधानी घोषित किया जाना चाहिए और देहरादून में रायपुर में बन रहे विधानसभा भवन का कार्य तत्काल बंद किया जाना चाहिए और यह जो पैसा बर्बाद हो रहा है उस पर रोक रखनी चाहिए।

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