
गोपेश्वर। भाषा।
भगवान उद्धव एवं कुबेर की डोलियों के साथ बद्रीविशाल की उत्सव यात्रा बुधवार को योगध्यान बद्री पांडुकेश्वर से श्री बद्रीनाथ धाम पहुंच गई है।
बुधवार सुबह योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से निकली यात्रा
बुधवार सुबह योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, देवताओं के खजांची कुबेर महाराज, भगवान के सखा उद्धव जी महाराज की उत्सव डोली और नरेंद्र नगर से भगवान बद्री विशाल के दीपक हेतु विशेष रूप से तैयार गाडू घड़ा (तेल कलश), योग ध्यान बद्री मंदिर पांडुकेश्वर से परम्परागत पूजा पाठ के बाद बद्रीनाथ के लिए निकले और दोपहर में हर्षोंल्लास के साथ श्री बद्रीनाथ धाम में पहुँच गए हैं।बैकुण्ठ धाम के नाम से ख्याति प्राप्त श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल में जब बंद होते हैं तो वहां से उद्धव जी एवं खजांची कुबेर जी योग ध्यान बद्री पांडुकेश्वर में प्रवास करते हैं। और आदिगुरु शंकराचार्य की डोली ज्योतिर्मठ जोशीमठ लायी जाती है। कपाट खुलने के मौके पर उत्सव यात्रा के साथ यह डोलियां बद्रीनाथ जाती है। इस उत्सव यात्रा में भगवान बद्रीनाथ जी के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी जोशीमठ से चलते हैं।
Badrivishal reached Badrinath with the dolis of Lord Uddhava and Kuber.