गोपेश्वर।
बाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती गांवों का व्यापक विकास किया जाएगा।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव आशीष कुमार ने गुरूवार को चमोली में बाइब्रेंट विलेज के तहत प्रस्तावित विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि बाइब्रेंट विलेजों में समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के लिए उनके द्वारा चिन्हित गांवों का दौरा किया जा रहा है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीमावर्ती गांवों में सीमादर्शन कार्यक्रमों आयोजित किए जाने चाहिए। इनर लाइन की परमिशन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए। इन इलाकों में साहसिक स्पोर्टस खेलों को बढावा देने, टूर ऑपरेटरों को प्रमोट करने तथा सीमावर्ती गांवों में किसी बडे महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। जिससे इन सीमांत गांवों में पर्यटन और आर्थिकी गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है।
इस दौरान उन्होंने बाइब्रेंट विलेज के अन्तर्गत जनपद में चिन्हित गांव नीती, माणा तथा मलारी के लिए प्रस्तावित मूलभूत सुविधाओं एवं आजीविका विकास कार्यो की समीक्षा करते हुए बाइब्रेंट विलेजों मे संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बाइब्रेंट विलेजों के लिए प्रस्तावित योजनाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
बैठक में भारत सरकार मंत्रालय के निदेशक ऋषि राज सिंह, आईटीबीपी के डीजी रंजीत सिंह राणा, जिलाधिकारी हिमांशु खुरान, मुख्य विकास अधिकारी डा.एलएन मिश्र, परियोजना निदेशक आंनद सिंह, डीडीओ डा.महेश कुमार सहित सभी संबधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।