Chamoli District
विनय से सेमवाल
सीमांत जिला चमोली स्थापना दिवस
आज ही के दिन 24फरवरी 1960 में चमोली तहसील गढ़वाल जिले से पृथक होकर कर एक नये जिले के रूप में अस्तित्व में आया था।
कहां है चमोली
चमोली,बद्रीनाथ मार्ग (राष्ट्रीय राज मार्ग सं 07)पर हरिद्वार से 227 किमी.की दूरी पर अलकनंदा के तट पर स्थित एक कस्बा है ,जो वर्तमान में चमोली-गोपेश्वर नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आता है। प्राचीन काल में लालसांगा और वैदिक युग में अल्कापुरी के नाम से विख्यात रहा यह ऐतिहासिक कस्बा ब्रिटिश काल में तब गढ़वाल के एक प्रमुख प्रशासनिक केंद्र के रूप में उभर कर सामने आया जब 1815 में सिंगोली की संधि के पश्चाद् गढ़वाल से गोरख्याणी का अंत हुआ और गढ़वाल का एक भाग(पूर्वी गढ़वाल- अलकनंदा और मंदाकिनी का पूर्वी भाग) ब्रितानी हुकूमत के प्रत्यक्ष नियंत्रण में आ गया।
चमोली तहसील की शुरुआत
अपनी प्रशासनिक सुविधा के लिए तब ब्रिटिश सरकार द्वारा1839में अपने अधीन आने वाले गढ़वाल के पूरे भाग को एक जिले(गढ़वाल) के अंतर्गत लाया गया और तब ऊपरी गढ़वाल(अलकनंदा और मंदाकिनी का पूर्वी भाग) के सीमांत क्षेत्र के 5 परगनो(1-दशोली – बंड, दशोली मल्ली, दशोली तल्ली 2नागपुर* बामसु,कालीफाट् मल्ली,,कालीफाट् तल्ली, मैखण्डा, नागपुर मल्ला, नागपुर बिचला, नागपुर तल्ला, उरगम, परकंडी *3-पैनखंडा – पैनखंडा मल्ला, पैनखंडा तल्ला 4-बधाण- खनसर्, कपीरी, कडाकोट, मंदाक्, पिंडर वार, पिंडर पार *5-चाँदपुर* – ,चाँदपुरसीली, चाँदपुरतेली, चोपड़ाकोट, चौथाण, ढाईज्युलि, लोभा, राणीगढ़, सिरगुर) की 30 पट्टियों को मिलाकर चमोली नाम से एक तहसील का गठन कर उसका मुख्यालय भी चमोली में ही बनाया।
तहसील होने से चमोली उस कालखंड में इस क्षेत्र की राजनैतिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र भी रहा। अनुसूया प्रसाद बहुगुणा के नेतृत्व में 1921में ककोडाखाल में कुली बेगार आंदोलन के साथ ही सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों की गतिविविधि का भी प्रमुख केंद्र रहा ।
स्वातंत्र्योतर् युग के बाद भी चमोली जिला राजनैतिक एवं सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। संपूर्ण विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले चिपको आंदोलन का प्रमुख केंद्र भी चमोली रहा जिसका सूत्रपात 24 मई1973 को जिले के एक गाँव मण्डल से हुआ। चिपको आंदोलन की मातृ संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य मण्डल जो जिले की पहली और राज्य की सबसे पुरानी संस्थाओं (गैर सरकारी संगठन ) में से एक है -का मुख्यालय भी गोपेश्वर में है।
24फरवरी 1960 को चमोली तहसील को जनपद के रूप में पुनर्गठित
कालांतर में स्वतंत्रता के पश्चाद् 24फरवरी 1960 को चमोली तहसील को जनपद के रूप में पुनर्गठित कर महेश चंद्र मिश्र को इस नवगठित जिले का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया। प्रारंभ में जिला मुख्यालय चमोली ही रहा लेकिन 20जुलाई 1970की (बेलाकुची)बाढ़ के बाद मुख्यालय गोपेश्वर स्थांतरित कर दिया गया।
वर्तमान में 03विधान सभा क्षेत्र तथा12 तहसील (चमोली,जोशीमठ, पोखरी, कर्णप्रयाग, गैरसैण, थराली, देवाल, नारायणबगड़, आदिबद्री, जिलासू, नंदप्रयाग , नंदानगर) और 09विकास खण्डों (दशोली, जोशीमठ, नंदानगर, पोखरी, कर्णप्रयाग, गैरसैण, नारायणबगड़, थराली , देवाल) वाला चमोली जिला भौगोलिक रूप से 8030वर्ग किमी. क्षेत्र तक फैला हुआ है।वर्तमान में जिले की जनसंख्या 391605 तथा जनसंख्या घनत्व 49 व्यक्ति/ प्रति वर्ग किमी एवं साक्षरता दर 82.65% और लिंगानुपात 1019 है।
1997 में इसकी दो तहसिलों को पूर्णतःऔर दो विकास खंडों के आंशिक भाग को इससे पृथक कर एक अलग जनपद रुद्रप्रयाग का गठन किया गया