गोपेश्वर।
शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान गौचर की ओर कौशलम शिक्षक पाठ्यचर्या के तहत शिक्षकों की अभिमुखीकरण कार्यशाला संपन्न हो गई। दो चरणों में चले इस कार्यक्रम का लक्ष्य कक्षा 9 से कक्षा 11 वीं तक के छात्रों में उद्यमिता, नेतृत्व , समूह के साथ मिलकर कार्य करने की क्षमता का विकसित करना है। जिसके लिए पहले गोपेश्वर और फिर गौचर में दो दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई,जिसका समापन गौचर में हुआ।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से चमोली के जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान ने यह कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम के संयोजक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें जिले के विभिन्न ब्लाकों से आए 173 शिक्षकों ने भाग लिया। जिसमें गौचर में 97 और रा ई का गोपेश्वर में शिक्षक -शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
क्या है कौशलम पाठ्यचर्या ।
राज्य सरकार द्वारा कक्षा 9 से कक्षा 11, तक के छात्रों की उद्यमिता विकास , नेतृत्व , समूह में कार्य करने की क्षमता का विकास, धैर्य, लक्ष्य निर्धारण में सहायता, अपने आस पास को देखकर खुद के लिए अवसरों की तलाश, संचार कौशल, अपनी रुचियों को पहचानना, समस्या समाधान के गुणों का विकास, अपनी रुचियों को पहचानना फिर उसके अनुसार दक्षता प्राप्त करना आदि नैतिक मूल्यों के विकास हेतु कौशलम पाठ्यचर्या को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
उत्तराखंड में इस सत्र से 1006 विद्यालयों में यह पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा। इसके लिए कौशलम कार्यक्रम के जरिए विद्यालयों में गतिविधियों के माध्यम से मानव मूल्यों के विकास हेतु उत्तराखंड सरकार के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान व जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों की देखरेख में पूरे प्रदेश में शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है।
कार्यशाला में राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवम अनुसंधान परिषद से सुनील भट्ट, प्रिया गुसाईं, प्राचार्य डाइट गौचर एल एस बर्तवाल, समन्वयक सुबोध डिमरी, संदर्भ दाता आत्म प्रकाश डिमरी, खीम सिंह कंडारी, भगवती रावत, गोपाल प्रसाद कपरूवान, समन्वयक कौशलम कार्यक्रम सुबोध डिमरी, उद्यम लर्निंग फाउंडेशन से तेजेंद्र रावत, हरेंद्र, सूरज आदि मौजूद रहे।