Saturday, March 15, 2025
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Chamoli. चमोली हादसे की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में

गोपेश्वर।
नमामि गंगा के चमोली एसटीपी प्लांट के हादसे के लिए प्लांट की बिजली की व्यवस्था और विद्युत सुरक्षा मानकाें की अनदेखी, प्लांट की देखभाल के लिए ठेके पर रखी गई फर्म के कार्यों के अनुश्रवण और समीक्षा न किए जाने, यूपीसीएल और जल संस्थान के कार्मिकाे के बीच सामंजस्य की कमी और एस0टी0पी0 प्लांट पर पहुँवने वाले रास्ते के संकरा होने जैसे कारणों को हादसे की तीव्रता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना गया है। यह निष्कर्ष हादसे की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में निकला है।


शनिवार को चमोली के अपर जिलाधिकारी और इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट प्रेस को जारी की। जांच रिपोर्ट में प्रदेश के समस्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व अन्य ऐसे प्रतिष्ठान जिसमें विद्युत सुरक्षा की चूक हाेने की संभावना है कीक्षविद्युत सुरक्षा ऑडिट कराए जाने की सिफारिश भी की गई है। जिससे इस तरह की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रुके।

उल्लेखनीय दिनांक 19 जुलाई 2023 को सुबह 11ः25 बजे चमाेली स्थित नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (निकट पुराना सस्पेंशन ब्रिज) में करंट लगने
से 16 लोगाें की मृत्यु एवं कुल 12 व्यक्तियों के घायल हुए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह मजिस्ट्रियल जांच करायी गई थी।


अपनी रिपोर्ट में जांच अधिकारी डा अभिषेक त्रिपाठी ने दुर्घटना का विश्लेषण करते हुए संभावित कारण के आधार पर निष्कर्ष दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एसटीपी प्लांट की विद्युतीय व्यवस्था किये गये अनुबन्ध एवं विद्युत सुरक्षा के
मानकाें के अनुरूप नही थी। जिससे प्लांट में लगा चैंजओवर पैनल में शार्ट सर्किट हुआ तथा कन्ट्राेल पैनल एवं मैन पैनल में तीव्र अर्थ फाल्ट हुआ। इसमें निर्धारित मार्ग में उचित अर्थिग न मिलने पर अर्थ
कनैक्शन से जुडे मैटेलिंक स्ट्रैक्चर, जिसमें कि प्लांट में प्रवेश हेतु निर्मित सीढियां, रैलिंग, इत्यादि में करंट फैला। जिससे उस दौरान वहां उपस्थित व्यक्ति, जो
लाेहे के स्ट्रेक्चर ,रेंलिग जाली इत्यादि के सम्पर्क में आये, उन्हें करंट लगा और उनकी मृत्यु हुई, कई व्यक्ति घायल हुए।विद्युत सुरक्षा विभाग की आख्या के अनुसार मीटर के बाद एमसी जंक्शन बाक्स मय उचित क्षमता का एमसीसीबी लगा हाेना चाहिए था, जाे कि नहीं था। इसके स्थान पर चैंज ओेवर का प्रयाेग किया जा रहा था। परिसर पर अर्थिंग मानकाे के अनुरूप नहीं पाई गई। अर्थिंग के लिए वैल्यू मानकाें से अधिक पाई गई। ऐसी स्थिति में शार्ट सर्किट हाेने पर पूर्ण रूप से करंट की अर्थिंग न
हाेकर एसटीपी के लाेहे के स्टेक्चर और लोहे की
रेलिंग में प्रवाहित हुई।

अनुबंधित फर्म के कार्यों के अनुश्रवण/समीक्षा का अभाव।

विद्युत विभाग एवं जल संस्थान के कार्मिकाे के मध्य आपसी सामंजस्य का अभाव।


और दुर्घटना की तीव्रता बढ़ने कारण-एस0टी0पी0 प्लांट पर पहुँवने वाले रास्ते का
संकरा होना।


रिपोर्ट में दुर्घटना के लिए ठेकेदार मैं ज्वाइंट बैचर फर्म की दोनों कंपनियों को अनुबंध के अनुसार कार्य न करने का आरोपी पाया गया है। मैं Joint Venture Firm M/s. Jai Bhushan Malik Contractors, Patiala (Lead
Partner) ,oa M/s. Confident Engineering India Pvt. Ltd. Coimbatore ने
उत्तराखण्ड पेयजल निगम/जल संस्थान के मध्य हुये अनुबन्ध का उल्लंघन करना पाया है।
Joint Venture Firm M/s. Jai Bhushan Malik Contractors, Patiala (Lead
Partner) ,oa M/s. Confident Engineering India Pvt. Ltd. Coimbatore एवं विभाग के मध्य हुये अनुबन्ध के अनुरूप कार्मिकाें की तैनाती
न किया जाना पाया है।


भाष्कर महाजन, डायरेक्टर एक्सिस पावर कंट्राेल्स, दिल्ली व ज्वाइंट वेंचर
फर्म के रूप में विभाग के साथ अनुबंध करने वाले जय भूषण मलिक एवं M/s. Confident Engineering India Pvt. Ltd. Coimbatore ज्वाइंट वेंचर फर्म दूसरे पर दायित्व और जिम्मेदारियों के आरोप लगाने से ज्वाइंट वेंचर फर्म के द्वारा विभाग के साथ किए गए अनुबंध का स्पष्ट उल्लंघन होता है।
भास्कर महाजन, डायरेक्टर एक्सिस पावर कंट्राेल्स, दिल्ली का ज्वाइंट वेंचर
फर्म का अधिकृत व्यक्ति/कार्मिक न हाेते हुए भी कार्य करना पाया गया।
रिपोर्ट में एसटीपी के ऑपरेशंस और मेंटेनेंस के लिए जल संस्थान गाेपेश्वर के खर्च के देयक संदिग्ध पाया है।


अनुबंधित फर्मों एक-दूसरे पर दायित्व और जिम्मेदारियों के आरोप लगाने से
ज्वाइंट वेंचर फर्म के द्वारा विभाग के साथ किए गए अनुबंध का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है।
भास्कर महाजन, डायरेक्टर एक्सिस पावर कंट्राेल्स, दिल्ली का ज्वाइंट वेंचर
फर्म का अधिकृत व्यक्ति/कार्मिक न हाेते हुए भी कार्य करना।
ऽ 5. एसटीपी के ऑपरेशंस और मेंटेनेंस के लिए जल संस्थान गाेपेश्वर काे
प्रस्तुत बिलों का संदिग्ध हाेना।
नमामि गंगे कार्यक्रम के अर्न्तगत Joint Venture Firm M/s. Jai Bhushan Malik Contractors, Patiala (Lead
Partner) ,oa M/s. Confident Engineering India Pvt. Ltd. Coimbatore के अनुबन्ध काे निरस्त करने की संस्तुति की है।
फर्मों काे उत्तराखण्ड राज्य में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की है।
साथ ही भास्कर महाजन की फर्म, एक्सिस पावर कंट्राेल्स, दिल्ली काे भी उत्तराखण्ड
राज्य में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की है। साथ ही उक्त तीनाें
फर्माें काे सक्षम स्तर के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में भी ब्लैक लिस्ट किए जाने की भी अपनी रिपोर्ट में
संस्तुति की है।

अनुबंध की शेष अवधि में अनुबंध के अधीन समस्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के आपरेशन
औैर मेन्टिनेंस पर आने वाले खर्च, मरम्मत इत्यादि पर हाेने वाले कुल व्यय काे उक्त
ज्वाइंट वेंचर फर्म से भू राजस्व की भांति वसूल किए जाने की संस्तुति की है।
ज्वाइंट वेंचर फर्म की पेयजल निगम काे दी गई रू0 110.75 लाख
की बैंक गारंटी (अथवा जाे भी धनराशि अद्यतन रूप से ज्वाईट वेंचर फर्म की दाेनों
फर्माे द्वारा जमा की गई है), जिसकी वैधता दिनांक 31 जुलाई, 2023 है, काे तत्काल
प्रभाव से जब्त करने की संस्तुति की है।
एसटीपी प्लांट पर दिनांक 19 जुलाई 2023 घटित भीषण दुर्घटना के संबंध में
मुख्य जिम्मेदार संबंधित ज्वाइंट वेंचर फर्म के विरुद्ध विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई
किए जाने की संस्तुति की है। साथ ही भास्कर महाजन, डायरेक्टर, एक्सिस
पावर कंट्राेल्स, दिल्ली के विरुद्ध भी विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की
संस्तुति की है।
संबधित विभागीय कार्मिकाें/अधिकारियों जाे ज्वाइट वेंचर फर्म के साथ अनुबन्ध की
शर्तों का अनुपालन कराने में असफल रहे व नियमित निरीक्षण व अनुश्रवण करने में
भी असफल रहे के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की है।
एसटीपी के ऑपरेशंस और मेंटेनेंस के लिए जल संस्थान गाेपेश्वर काे प्रस्तुत बिलाें
के संदिग्ध हाेने के क्रम में संबधित विभागीय कार्मिकों/अधिकारियों जिन्हाेनें उक्त
बिलाें का भुगतान किया है के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की
है।
विद्युत विभाग एवं जल संस्थान के कार्मिकाें के मध्य आपसी सामंजस्य के अभाव के
कारण घटित भीषण दुर्घटना हेतु जिम्मेदार कार्मि काें के विरूद्ध विधि अनुकूल कार्यवाही
करने की संस्तुति की है।

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