Wednesday, March 26, 2025
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Celebrations in Mandal-ghati on completion of 50 years of Chipko चिपको के पचास साल पूरे होने पर मंडल में समारोह

Celebration in Mandalghati on completion of 50 years of Chipko

विनय सेमवाल

गोपेश्वर।
चिपको स्वर्णजयंती समारोह मंडल और चिपको आंदोलन की मातृ संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल DGSM Gopewhwar और सीपीबीसीईडी गोपेश्वर CPBCED Gopeshwar के संयुक्त तत्वाधान मे चिपको आंदोलन के पचास वर्ष पूर्ण होने के सुअवसर को मंडल घाटी के गांव गांव से आये लोगो ने सोमवार को ठीक आज ही के दिन पचास साल पहले शुरू हुए चिपको आंदोलन के इस महत्वपूर्ण दिन को बड़े धूम- धाम से मनाया गया।

इस दौरान 24 अप्रैल 1973 को चिपको की पहले एक्शन मंडल घाटी मे चले चिपको आंदोलन मे सक्रिय भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों दयाल सिंह, ज्ञानसिंह तथा मुरारीलाल को सम्मानित भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि, आज से ठीक पचास वर्ष पूर्व चिपको आंदोलन का सूत्रपात 24अप्रैल 1973 को मंडल घाटी से हुआ था। बाद में जंगलो को बचाने की यह लहर रामपुर फाटा से होते हुए रैणी तक पहुँची थी। जिसके बाद तत्कालीन सरकार को झुक कर वनों की नीलामी को रद करते हुए वनों पे आश्रित स्थानीय लोगों के हक हकूको को यथावत रखना पड़ा था।

मंडल घाटी के केंद्रिय स्थान गडसेरा के रामलीला मैदान में 91वर्षीय समाज सेवी सर्वोदयी कार्यकर्ता मुरारी लाल की अध्यक्षता मे आयोजित कार्यक्रम में चिपको आंदोलन के प्रणेता पद्म भूषण श्री चंडी प्रसाद भट्ट ने भु इस समारोह में शामिल लोगों को उस दौर के चिपको के अनुभव साझा किए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चिपको आंदोलन में महिलाओं की अतुलनीय भूमिका रही है और अनेक कष्टों को सहते हुए उन्होंने कंपनी और सरकार के खिलाफ डटकर मुकाबला किया और अंतत: अपने जंगलो को बचाने के संघर्ष में विजय हासिल की। इस दौरान उनके द्वारा सभा में आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व चले चिपको आंदोलन के अनुभव और संस्मरणों बताए।

उनके द्वारा वहां उपस्थित सभी लोगों एवं मातृशक्ति से पुनः अपने जंगलों को आग की विभीषिका से बचाने का भी आवाहन किया गया और यहीं से उन्होंने चिपको की 50 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर चिपको के बाद यही पुकार यही पुकार जंगल नहीं चलेंगे अबकी बार के संदेश के साथ कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति के साथ ही युवाओं एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करने के साथ-साथ ही अपने जंगलों को आग से बचाने का भी आवाह्न किया ।

कार्यक्रम में प्रभागीय प्रभागीय वन अधिकारी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग इंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अपने जंगलो को बचाने के लिए चिपको आंदोलन पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखता है। वर्तमान में चिपको आंदोलन की सफलता के बाद अब हमें अपने जंगलो के साथ ही वन्य जीव जंतुओं को बचाने की कोशिशें भी करनी चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी चमोली डॉ.ललित नारायण मिश्र ने कहा कि हमें जंगलों पर ज्यादा चारापत्ती के लिए आश्रित रहने के बजाय अपने घरों के आस-पास नेपियर घास के साथ ही अन्य सदाबहार प्रजाति की घास का रोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नष्ट करने की घटनाएं बढ़ रही है ऐसी स्थिति में हमें कीवी के साथ ही जड़ी बूटी की खेती को भी अपनाना होगा। जिसे जंगली जानवरो द्वारा नुकसान भी नही पहुंचता है और यह हमारी आजीविका का भी प्रमुख साधन बन सकता है। उन्होंने कहा कि इस घाटी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रसिद्ध आंदोलन चिपको का सूत्रपात हुआ था। एैसे मे यह हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी भी है कि अपने पूर्वजो के इस पर्यावरण संरक्षण के इस संदेश को अग्रसारित करते हुए नयी पीढी को भी इससे जोड़ें।

चिपको स्वर्णजयंती आयोजन समिति के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने कहा कि चिपको आंदोलन की स्वर्ण जयंती समारोह के तहत आंदोलन की मातृ संस्था तथा पर्यावरण एवं विकास केंद्र द्वारा पूरे वर्ष गोपेश्वर, मंडल, तथा रामपुर न्यालसु में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान उनके द्वारा 24 मई 1973 को चिपको आंदोलन के प्रस्ताव का वाचन करने के साथ ही सभी दिवंगत आंदोलनकारियों का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि भी ज्ञापित की गयी।

इस अवसर पर कार्यक्रम में रा.ई.का.वैरागना की ईको क्लब की छात्राओं ने छात्रों ने स्वागत गान, तथा क्षेत्र के सिरोली, मंडल, कोटेश्वर, वैरागना के महिला मंगल दलों द्वारा वन एवं वन संरक्षण का संदेश देते हुए लोकगीतों तथा लोक नृत्यों, के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गयी।

50 Years of Chipko Movement in Mandal Ghati
50 Years of Chipko Movement in Mandal Ghati

इस दौरान कार्यक्रम में आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व प्रमुख दशोली भगत सिंह बिष्ट, पूर्व प्रमुख दशोली नंदन सिंह, मंडल घाटी रामलीला कमेटी के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद सेमवाल, आयोजन समिति के सचिव प्रधान मंडल पुष्कर सिंह बिष्ट, महिला मंगल दल अध्यक्षा गोपेश्वर सुशीला सेमवाल, सामाजिक कार्यकर्ता सत्येंद्र रावत, मंगला कोठियाल, राजकीय इंटर कॉलेज वैरागना के प्रधानाचार्य मनोज तिवारी, सर्वोदयी कार्यकर्ता दरबान सिंह नेगी, चिपको आंदोलन की मातृ संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल के मंत्री अब्बल सिंह नेगी, वरिष्ठ पत्रकार अनुसूया प्रसाद मलासी, प्रधान वैरागना आशा देवी, प्रधान सिरोली आरती देवी, प्रधान बंणद्वारा सरोजनी देवी, देवेशवरी देवी, सुनीता सेमवाल, संगीता देवी, पुष्पा देवी, हरिता देवी, यशोदा देवी, मीना देवी, सावित्री तिवारी, जमुना देवी, धीरेंद् राणा, सतेंद्र रावत, सवेंद्र सिंह, भरत रावत, हरेंद्र बिष्ट, मातृका प्रसाद, सहित घाटी के सभी गांव के वन सरपंचों के साथ ही सभी सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन विनय सेमवाल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वयोवृद्ध समाजसेवी तथा चिपको आंदोलन के नेता रहे सर्वोदय कार्यकर्ता श्री मुरारी लाल जी द्वारा की गई।

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