रुद्रप्रयाग।
बुधवार को मदमहेश्वर जाने वाले रास्ते में बणतोली नामक स्थान पर मोरकंडा नदी पर बने लोहे के पुल के बह जाने से मदमहेश्वर मंदिर में फंसे 293 श्रद्धालुओं को हैलिकॉप्टर और रोप के जरिए रेस्क्यू किया गया।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 14 अगस्त की सुबह 6ः45 बजे मदमहेश्वर जाने वाले रास्ते बणतोली नामक स्थान पर मोरकंडा नदी पर बना हुआ लोहे का पुल बह गया था, जिससे मदमहेश्वर मंदिर में लगभ 300 तीर्थ यात्री फंस गए थे। फंसे यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किए जाने के लिए टीमों को घटना स्थल पर भेजा गया था।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस व जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग की उक्त टीमों द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए पहृले 52 लोगों का सफल मैन्युअल रेस्क्यू किया।
पुनः बुधवार को रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जहां मदमहेश्वर घाटी मे स्थानीय महिलाओं द्वारा नानू में अस्थाई हैलीपैड़ बनाया गया। वहीं से फंसे यात्रियों को हैलीकाॅप्टर के माध्यम से रेस्क्यू करते हुए हैलीपैड़ रांसी पहुंचाए गए।
उन्होंने अवगत कराया है कि हैलीकाॅप्टर के माध्यम से 190 लोगों का तथा 103 लोगों का मैन्युअल रेस्क्यू किया गया। इस प्रकार कुल 293 श्रद्धालुओं का सफल रेस्क्यू किया गया।
रेस्क्यू टीम में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग सहित तहसील प्रशासन से नायब तहसीलदार जयकृत सिंह रावत और राजस्व उपनिरीक्षक दिवाकर डिमरी, जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार व स्थानीय ग्रामीणों आदि के सहयोग से सफल रेस्क्यू कार्य संपन्न किया गया।
मदमहेश्वर घाटी में फंसे तीर्थ यात्रियों नेे सफल रेस्क्यू के उपरांत सरकार एवं जिला प्रशासन, रेस्क्यू टीमों व स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।