गोपेश्वर।
पीएचडी की उपाधि के लिए स्नातकोत्तर परीक्षा में पचपन फीसदी से अधिक अंक होने पर ही प्रवेश मिलेगा। हालांकि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को पांच फीसदी की छूट मिलेगी । यूजीसी ने पीएचडी की उपाधि के लिए सोमवार को ने नियम अधिसूचित किए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 7 नवंबर को इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
यूजीसी की अधिसूचना के अनुसार अब सामान्य छात्रों को डाक्ट्रेट की उपाधि के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर न्यूनतम 55 फीसदी अंकों की अनिवार्यता की गई है।
यूजीसी नेट,गेट और इस तरह की अन्य परीक्षाओं के सफल उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय साक्षात्कार के जरिए प्रवेश दे सकेंगे। जबकि अन्य छात्रों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए इच्छुक अभ्यर्थी को प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम 50 फीसदी अंक अर्जित करने अनिवार्य होंगे।
अधिसूचना में शोध पर्यवेक्षक और सह पर्यवेक्षक बनाने के नियमों के साथ ही उनके द्वारा एक समय में अधिकतम छात्रों की सीमा भी तय की गई है। शोध पर्यवेक्षक के लिए पीएचडी धारक होने के साथ साथ शोध पत्र प्रकाशित करने की अनिवार्यता है। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर शोध पर्यवेक्षक बनाए जा सकते हैं, यदि वे शोध पर्यवेक्षक के लिए निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं।
एक समय में ऐसे चयनित प्रोफेसर आठ शोधार्थियों के शोध पर्यवेक्षक हो सकते हैं। एसोसिएट प्रोफेसर छह और असिस्टेंट प्रोफेसर चार शोधकर्ताओं को एक समय में अपने अधीन शोध करवा सकेंगे।
तीन से छह साल की समय सीमा निर्धारित की गई है। महिलाओं और दिब्यांगों के लिए दो साल और मिलेंगे। पुनः रजिस्ट्रेशन कर दो साल और बढ़ाए जा सकते हैं। शोधकर्ताओं की सहायता के लिए सलाहकार समितियां बनाने का किया गया है प्रावधान।