रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में डिप्थीरिया से जुड़ा एक संदिग्ध मामला प्रकाश में आया है। मरीज 17 वर्षीय एक किशोरी है, जो रुद्रप्रयाग के एक गांव की है, जिसे यहां जिला अस्पताल ने डिप्थीरिया का संदिग्ध मामला बताया है।
डिप्थीरिया से जुड़े लक्षणों को देखते हुए रुद्रप्रयाग स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। किशोरी के स्वैब नमूना लिया जा चुका है। जिसे जांच के लिए दिल्ली भेज दिया गया है। दो रेपिड रिस्पांस मेडिकल टीमों ने किशोरी के गांव में जाकर अलग से जांच भी पूरी कर ली है।
डिप्थीरिया संदिग्ध मरीज के गांव में ग्रामीणों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जा चुकी है। शुरुआती जांच में कोई भी ग्रामीण डिप्थीरिया से जुड़े लक्षणों से पीड़ित नहीं मिला।
रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि अगस्त्यमुनि विकास खंड की निवासी 17 वर्षीय एक किशोरी का डिप्थीरिया संदिग्ध होना का मामला जिला चिकित्सालय में रिपोर्ट हुआ है। जिसकी सूचना मिलते ही संदिग्ध का स्वैब नमूना डब्ल्यूएचओ लैब में भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया के संक्रमण होने से सांस नली में एक झिल्ली बन जाती है, जिस कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। बताया कि यह संक्रामक बीमारी है इसलिए ऐहतियात बरतते हुए दो रेपिड रिस्पांस मेडिकल टीमों का तत्काल गठन कर संबंधित गांव में ग्रामीणों की डिप्थीरियां की जांच व सर्वे किया गया, जिसमें किसी भी ग्रामीण में डिप्थीरिया के लक्षण नहीं मिले।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 आशुतोश ने बताया कि स्वास्थ्य जांच व सर्वे में कोई भी ग्रामीण डिप्थीरिया से पीडित नहीं पाया गया। बताया कि संदिग्ध मरीज को उसके घर पर आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा है। बताया कि गले में दर्द व सूझन, बुखार व खांसी डिप्थीरिया के लक्षण है व संदिग्ध मरीज की स्थिति में सुधार है। उन्होंने मरीज के सामन्य संक्रमण से ग्रसित होने की संभावना व्यक्त करते हुए बताया कि संदिग्ध के स्वैब नमूने की रिपोर्ट आने तक ऐहतियातन संबंधित क्षेत्र की एएनएम व आशा कार्यकत्री को भी मरीज की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।