Saturday, March 15, 2025
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Uttarakhand सितारगंज संपूर्णानंद कैंप और चमोली जिला कारागार को छोड़कर पूरे प्रदेश की जेलों में क्षमता से कई अधिक कैदी निरूद्ध।

Except Sitarganj Sampurnanand Camp and Chamoli District Jail, many more prisoners are detained in the jails of the entire state than their capacity.

देहरादून।
उत्तराखंड की विभिन्न जेलों में इस समय छह हजार नौ सौ अठ्ठारह कैदी बंद हैं। जिनमें 2145 सजा भुगत रहे हैं जबकि 4773 विचाराधीन कैदी हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट नदीम उद्दीन ने कारागार विभाग से कैदियों से जुड़ी विभिन्न सूचनाएं मांगी थी जिस पर महानिरीक्षक कारागार की ओर से यह सूचना दी गई।

इसमें बताया गया है कि राज्य की ग्यारह जेलों में सितारगंज के 300 कैदियों की क्षमता वाले सम्पूर्णानंद शिविर में सबसे कम 34 कैदी के में है। जबकि सबसे अधिक कैदी हल्द्वानी के उप जिला कारागार में निरुद्ध हैं जिनकी संख्या 1792 है, उसके बाद देहरादून जिला कारागार का नंबर है जिसमें 1463 कैदी रखे गए है।

दुखद पहलू यह है कि उप जिला कारागार हल्द्वानी में क्षमता से तीन गुने से ज्यादा कैदी बंद किए गए हैं। इस उप कारागृह की क्षमता 535 है और वर्तमान में इस जेल में 1792 कैदी निरूद्ध हैं। जिला कारागार देहरादून, रुड़की और अल्मोड़ा की कमोवेश यही स्थिति है। यहां में कैदियों को रखने की कुल क्षमता के दो से ढाई गुना ज्यादा कैदी निरुद्ध हैं। देहरादून जेल की क्षमता 580 कैदियों की है और रखे गए हैं 1463।
अल्मोड़ा की जिला जेल की कैदियों को रखने की क्षमता 102 है, रह रहे हैं 371। तीन गुना से ज्यादा।
नैनीताल जिला जेल की स्थिति भी इस मामले में कमोवेश अल्मोड़ा जैसी ही है इस जेल 71 कैदियों की क्षमता के विपरित 203 कैदी रखे गए हैं।

पूरे राज्य की बात करें तो दो जेलों को छोड़कर सभी जेले कैदियों से खचाखच भरी हैं, इनमें क्षमता से अधिक कैदी हैं। पूरे प्रदेश में कैदियों को रखने की कुल क्षमता 3741है और रह रहे हैं, 6918 कैदी।
जानकारी के अनुसार चमोली ही एकमात्र जिला जेल है जहां क्षमता से कम कैदी निरूद्ध हैं। इस जिला जेल की क्षमता 169 है इसके विपरित 140 कैदी यहां रह रहे हैं।

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