Wednesday, March 26, 2025
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भारत निर्वाचन आयोग ने गृह नगर से देश में अन्यत्र भागों में बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने के लिए प्रोटोटाइप ईवीएम तैयार की। जल्द ही इसका प्रदर्शन।

Election Commission prepared prototype EVMs to facilitate remote voting to the citizens.

देहरादून।

यदि सब कुछ ठीक रहा तो देश का कोई भी नागरिक देश के किसी भी हिस्से से अपने मूल निर्वाचन क्षेत्र में हो रहे चुनाव में सहजता से मतदान कर सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग ने इस तरह की वोटिंग मशीन का प्रोटोटाइप तैयार करवाया है। इस मशीन को यदि अनुमति मिली तो देश में प्रवासी मतदाता किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से अपने मूल निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के लिए मतदान कर सकेगा।

निर्वाचन आयोग इस प्रोटोटाइप मतदान मशीन का प्रदर्शन 2023 की जनवरी माह की 16 तारीख़ को सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों के सामने करने की तैयारी में जुटा है।

देहरादून से जारी एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने अपने गृह नगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने की योजना पर कार्य  शुरू किया है। इसके लिए आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की है। इससे प्रवासी मतदाता, देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान कर सकेंगे। 

इसी योजना के तहत आयोग इस बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन 16 जनवरी को करेगा। करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है। इस मौके पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। 

गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, राजीव कुमार उत्तराखण्ड के चमोली जिले के डुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा (ट्रैकिंग ) के दौरान इस समस्या से सीधे रूबरू हुए थे। उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई थी कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग  पर व्यापक मंथन प्रारम्भ किया गया है। इस तरह के सशक्तिकरण को कार्यान्वित करने के लिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकीय पहल की जरूरत है। आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने के लिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियाँ जैसे कि दो-तरफा प्रत्यक्ष ट्रांजिट पोस्टल बैलट, परोक्षी (प्रॉक्सी) मतदान, विशेष समय पूर्व मतदान केंद्रों में जल्दी मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

आयोग सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्यम के सहयोग से घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात उनके मौजूदा निवास स्थान से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है। यदि यह पहल कार्यान्वित कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों जैसे कि उनके निवास स्थानों के नियमित तौर पर बदलने, प्रवास क्षेत्र के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक रूप से पर्याप्त जुड़ाव न होने, अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली से नाम कटवाने की अनिच्छुकता (चूंकि उनका वहां स्थायी निवास/संपति होती है) से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं।

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