गोपेश्वर।
जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में स्थित खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का सरकारी खाद्यान्न भंडार से स्टोर किया गया सैकड़ों कुंतल राशन एडवांस में उपभोक्ताओं को वितरित की जा चुकी है। यह गोदाम भी भूंधसाव के खतरे की जद में आने के चलते स्थानीय अधिकारियों ने यह निर्णय लिया था। जिला आपूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि अब गोदाम लगभग खाली कर दिया गया है।
आठ सौ मैट्रिक टन क्षमता वाले इस गोदाम से न केवल जोशीमठ अपितु माणा घाटी में जोशीमठ से लामबगड़ और नीती घाटी में जोशीमठ से सुराईथोठा तक के शहरी व ग्रामीण इलाकों के लिए सरकारी खाद्य योजनाओं के तहत सरकारी राशन को ग्रैन डीलरों के माध्यम से वितरित किया जाता रहा है।
दो और तीन जनवरी को जोशीमठ के सिंहधार वार्ड के जिस इलाके में अचानक भूधसाव हुआ था, यह खाद्यान्न भंडार भी इसी इलाके के करीब है। 3 जनवरी को इस खाध्य गोदाम के भवन के भी कुछ हिस्सों में दरारें आयी थी, इसके कुछ कमरे हल्के से भूधसाव के चलते प्रयोग करने में दिक्कतें आने लगी है।
चमोली के जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने टेलिफोन पर बताया कि खतरे को देखते हुए खाद्य भंडार में स्टोर किए गए अधिकतर राशन को उपभोक्ताओं को वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस भंडार के सेवित क्षेत्र के अधिकतर उपभोक्ताओं को मार्च माह तक का सरकारी सस्ते गल्ले का खाद्यान्न एडवांस में ही दे दिया गया है।
यह खाद्य भंडार 1972 के आसपास बनाया गया था। पहले यहीं से पूरे जोशीमठ के लिए सरकारी अनाज की सप्लाई हुआ करती थी। नीती घाटी में मलारी और माणा घाटी में बद्रीनाथ में गोदाम बनने के बाद अभी भी निचले क्षेत्रों के बड़े इलाके की सप्लाई यहीं से होती थी।
डीएसओ कंडारी ने बताया की जोशीमठ के समीप गुलाबकोटी में एक खाद्यान्न गोदाम निर्माणाधीन है। विकल्प के रूप में इस गोदाम के उपयोग का प्रस्ताव विचाराधीन है। गुलाबकोटी के इस निर्माणाधीन गोदाम की एप्रोच सड़क बनने के बाद ही इस पर विचार किया जा सकता है।
जोशीमठ में डेढ़ माह पहले शुरू किए गए माउंट व्यूं और मलारी इन को पूरी तरह गिरा दिया गया है। गुरुवार को गिराने का यह कार्य पूरा हुआ। अब इसका मलबा हटाने का कार्य शुरू हो गया है।
अब तक इन दोनों होटलों को तोड़ने पर ही एक करोड़ से अधिक धनराशि खर्च हो चुकी है।