रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग में हाइड्रो प्रोजेक्ट, होम स्टे, सोलर समेत अन्य सेक्टर 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। गुरुवार को रुद्रप्रयाग में जिला स्तरीय इन्वेस्टर समिट में 160 करोड़ की लागत से बनने वाली औद्योगिक इकाइयों को लेकर एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए गए। जबकि 466 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली जल विद्युत परियोजना के निर्माण को लेकर भी सहमति बनी।
राज्य के आर्थिक विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए चल रहे अभियान के तहत गुरुवार को रुद्रप्रयाग के विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय मिनी काॅन्क्लेव का आयोजन किया गया।
इंवेस्टर समिट में डेढ दर्जन उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस दौरान उनसे उद्यम स्थापित करने में आ रही समस्याओं एवं सुझावों पर भी चर्चा की गई।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने इंवेस्टर समिट में जानकारी दी कि राज्य सरकार सभी जिलों के समावेशी विकास के लिए उद्यमों को बढ़ावा दे रही है। जिले में उद्यम एवं रोजगार सृजन के लिए जो भी कार्य किए जाएंगे, उसमें जिला प्रशासन स्तर से उद्यमियों को पूरा सहयोग किया जाएगा।
समिट में हुए समझौतों की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश ने बताया कि पर्यटन, कृषि, उद्यान, उरेडा, समेत अन्य विभागों की ओर से करीब 160 करोड़ का निवेश जिले में किया जा रहा है, इससे संबंधित एमओयू भी मौके पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने बताया कि जिले में एक हाइड्रो प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है, जिसकी लागत 466 करोड़ रुपये है इसका एमओयू शासन स्तर होना है।
केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन होने से जनपदों में समावेशी विकास की राह खुलेगी। उन्होंने होटल एवं रिजार्ट उद्योग में निवेश करने जा रहे व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि हमारा जनपद आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है, ऐसे में जो भी निर्माण कार्य हो रहे हैं, उन्हें आपदा के मानकों को ध्यान में रखते हुए ही बनाया जाए। साथ ही आधुनिक तकनीकि का प्रयोग भी किया जाए ताकि आपदा की स्थिति में बचाव के सभी रास्ते खुले हों। उन्होंने जिलाधिकारी को श्री केदारनाथ यात्रा पड़ाव में सभी संभावित स्थानों पर पार्किंग निर्माण करवाने के प्रयास करने को भी कहा।
रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने जनपद में निवेश करने जा रहे उद्यमियों का स्वागत एवं बधाई देते हुए कहा कि जनपद के युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में उतरने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने वाला बनना होगा। विधायक ने सुझाव देते हुए कहा कि जिले में भारी मात्रा में बुरांश की पैदावार होती है, इसके बेहतरीन उत्पाद तैयार कर दुनियाभर में बेचे जा सकते हैं। वहीं स्थानीय उत्पादों में लिंगड़े का उत्पादन बढ़ा कर बेहतर पैकेजिंक के साथ आर्र्गेनिक प्रोडक्ट के तौर पर बड़़े- बड़े रेस्तरां में बेचा जा सकता है।
काॅन्क्लेव में पहुंचे उद्यमियों ने जिलाधिकारी समेत विधायकों के सामने अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि आज भी सभी विभागों में उद्यम से जुड़ी एनओसी हासिल करने में महीनों का समय बीत जाता है। वहीं होटल व्यवसायियों ने होटल निमार्ण एवं सब्सिडी से जुड़ी योजनाएं एमएसएमई से पयर्टन विभाग में हस्तानांतरित होने के चलते आ रही समस्याएं उठाई। कुछ उद्यमियों ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद भी बैंकों द्वारा ऋण न लिए जाने एवं सब्सिडी की किस्तें जारी नहीं करने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने सभी उद्यमियों द्वारा रखी समस्याओं पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।