गोपेश्वर।
चमोली electrocution एसटीपी हादसे पर जल संस्थान और पावर कारपोरेशन ने विभागीय कार्रवाई करते हुए अपने अवर अभियंता स्तर के दो अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। संयंत्र की देखरेख के लिए तैनात ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। गुरुवार को यह कार्यवाही की गई। एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चमोली हादसे
के प्रकरण में मुख्य महाप्रबंधक उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा एस०टी०पी० का संचालन एवं रखरखाव करने वाली फर्म के कार्याे के समुचित अनुश्रवण का दायित्व देख रहे अपने हरदेव लाल, अपर सहायक अभियन्ता को निलम्बित किय है। अपने आदेश में मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया गया है कि प्रथम दृष्ट्या हरदेव लाल अपर सहायक अभियन्ता के द्वारा विभागीय कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाये जाने के दृष्टिगत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
इसी प्रकरण पर उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि. द्वारा कुन्दन सिंह रावत, प्रभारी अवर अभियन्ता विद्युत वितरणखण्ड गोपेश्वर को भी निलम्बित किया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व उपनिरीक्षक चमोली द्वारा सुपरवाइजर ज्वाइन्ट वेन्चर कम्पनी एवं अन्य संबंधित के विरूद्ध नमामि गंगे के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरते जाने के संबंध में एफ. आई. आर. दर्ज कर दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती चमोली हादसे के बाकी सभी 5 घायलो को भी गुरुवार को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स में भर्ती किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में घायलों को मानसिक दबाव से मुक्त करने और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य जांच के लिए भेजा गया है। इससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।