Five decades old demand of the people of Pindar Valley
रमेश थपलियाल/ थराली
थराली की पिण्डर घाटी एव गैरसैंण की खनसर घाटी के ग्रमीणो की लगभग पांच दशक पुरानी मांग पर तेजी से कार्य होते देख थराली एव गैरसैंण के इन दोनों घाटियों के ग्रमीणो की उम्मीद को एक बार फिर से पंख लग गए है। लंबे समय से लंबित इस पत्रावली पर लोनिवि गैरसैण भी सक्रिय हुआ है। लोनिवि के कर्मचारियों ने थराली पहुँच सड़क की पत्रावली वन विभाग को सौप दी है।
बता दे कि भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सतीश लखेड़ा ने गत दिवश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान उन्हें बताया कि चमोली जनपद के गैरसैंण व थराली विकास खंड के बीच विनायक धार से कसबीनगर के बीच 4.5 किमी मोटर मार्ग का निर्माण न होने से स्थानीय लोगो को 140 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। जबकि दोनों स्थानों के बीच शादी-ब्याह,व्यापार, सामाजिक व धार्मिक संबंधो के नाते निरन्तर पैदल मार्ग से आवागमन होता है। इस मार्ग पर वन विभाग की भी अनेक आपत्तियो का निराकरण हो चुका है। लखेड़ा ने मुख्यमंत्री से शीघ इस सड़क मार्ग को बनाने का अनुरोध किया है।
बद्रीनाथ वन प्रभाग के रेंज अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि कसविनागर-विनायकधार सड़क की पत्रावली लोनिवि गैरसैंण से उन्हें प्राप्त हुई है। सभी प्रपत्र आख्या सहित उनके स्तर से भेज दिए गए है।
थराली में अधिवक्ता रमेश चंद थपलियाल का कहना है कि कसबीनगर-विनायकधार सड़क यहां के लोगो की दशकों पुरानी मांग रही है। अब पत्रावलियो लर जिस तरह से कार्यवाही हुई है उसे देखकर लगता है कि शीघ्र ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा और लोगो को राहत भी मिलेगी।
इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ होने से लंबे समय से आंदोलित दोनों घाटियों की जनता को राहत मिलेगी और यह मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है जो सीधे गढ़वाल कुमाऊं के बीच की दूरी को भी कम करता है। इस मार्ग के निर्माण से भवन निर्माण सामग्री से लेकर अनेक वस्तुओं के ढुलान और लागत में भारी कमी आएगी। क्योंकि थराली क्षेत्र रामनगर मंडी से डेढ़ सौ किलोमीटर निकट हो जाएगा।