Friday, May 16, 2025
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Reading and writing campaign started under ‘Sarmath Gaon Yojana’ सर्मथ गांव योजना’ के तहत पढ़ने लिखने काअभियान शुरू

Reading and writing campaign started under 'Sarmath Gaon Yojana'

गोपेश्वर।

चमोली में अब नही रहेगा कोई निरक्षर,
‘सर्मथ गांव योजना’ के तहत पढना लिखना अभियान हुआ तेज।

जनपद चमोली जल्द ही शत प्रतिशत साक्षर जिलों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। इसके लिए प्रयास शुरू हो गया है। हर आम और खास पढ़ना और गणना सीखे और साक्षर बने। इसके लिए अभियान चल रहा है।

शत प्रतिशत साक्षरता लक्ष्य प्राप्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘सर्मथ गांव योजना’ के तहत प्रत्येक गांव एवं नगर क्षेत्रों में निरक्षर लोगों को ज्ञान मित्रों के माध्यम से साक्षर बनाया जा रहा है।

मंगलवार को ‘समर्थ गांव योजना’ की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक लेते हुए इस मुहीम को सशक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह एक सहभागी एवं स्वयंसेवी योजना है। जनपद की शत प्रतिशत साक्षरता के लिए इस योजना को एक जन आंदोलन बनाकर इसमें सबका सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि निरक्षर लोगों को साक्षर बनने के लिए प्रोत्साहित करेें। निर्धारित समय अंतराल पर साक्षरता कार्यो का मूल्यांकन किया जाए। जो लोग साक्षर हो गए है, उनका तीसरी पार्टी से सत्यापन कराया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे बुजुर्ग जिनकी आंखे कमजोर है, उनकी आंखों की जांच कराके चश्मा भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने गांव क्षेत्रों में संचालित इस साक्षरता कार्यक्रम की गहन समीक्षा करते हुए सभी के सुझाव भी लिए।

मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र ने कहा कि इस योजना में ज्ञान मित्र के रूप में कार्य करने वाली आंगनबाडी कार्यकत्री, सहायिका, शिक्षक, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े व्यक्ति एवं सुधीजन पूरी लगन एवं प्रयास से योजना सफल बनाने में सहयोग करें।

मुख्य शिक्षा अधिकारी कुलदीप गैरोला ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा संचालित ‘समर्थ गांव योजना’ के तहत जनपद चमोली को अप्रैल 2024 तक शत प्रतिशत साक्षर जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद की कुल साक्षरता दर 82.65 प्रतिशत है जिसमें पुरूष साक्षरता 94.18 तथा महिला साक्षरता 73.20 प्रतिशत है। जिले में 1573 पुरूष तथा 19976 महिला सहित कुल 21549 निरक्षर लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनको 5249 ज्ञान मित्रों के माध्यम से साक्षर बनाया जा रहा है। समर्थ गांव योजना के तहत जनपद, ब्लाक एवं संकुल स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला के साथ पुस्तिका एवं स्टेशनरी भी उपलब्ध करायी गई है। गांव में शिक्षित व्यक्ति, आंगनबाडी कार्यकत्री, अध्यापक, विद्यार्थी, यूथ क्लब, स्वयं सहायता समूह ज्ञान मित्र के रूप में कार्य कर रहे है और सप्ताह में तीन दिन व्यक्तिगत रूप से शाम को आपसी सहमति के आधार पर समय निर्धारण कर निरक्षरों को पढ़ा रहे है।

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