गोपेश्वर।
बदरीनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक माने जाने वाले भगवान श्री घंटाकर्ण महाराज के मंदिर के कपाट गुरवार पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे परंपरागत पूजा- अर्चना तथा धार्मिक रस्मों के साथ खोल दिये गये है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माणा में भगवान घन्टाकर्ण महाराज के दर्शन किये।
श्री घंटाकर्ण महावीर जो कि माणा घन्याल के नाम से भी प्रसिद्ध है, जैष्ठ माह में मंदिर के कपाट खुलने की यह परंपरा “जैठ पुजै” के नाम से प्रसिद्ध है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के लगभग एक डेढ़ माह बाद जैठ माह के दौरान श्री घंटाकर्ण मंदिर माणा के कपाट खुलते है तथा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले श्री घंटाकर्ण मंदिर माणा के कपाट बंद हो जाते है।
गुरवार सुबह से ही वाइब्रेंट विलेज के नाम से चर्चित के देश के पहले – अंतिम गांव माणा में श्री घंटाकर्ण मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियां शुरू हो गयी थी देव पश्ववा सहित सभी महिलाएं – पुरूष समारोह पूर्वक ढोल दमाऊं भंकोरों की शंखनाद के साथ माणा गांव से श्री घंटाकर्ण जी के पुराने मंदिर पहुंचे जहां श्री घंटाकर्ण जी शीतकाल में निवास करते है यहां पर एक प्राचीन गुफा भी स्थित है।
मंदिर में पूजा के बाद देव पश्वाओ ने नृत्य किया तथा पूज- अर्चना के बाद श्री घंटाकर्ण जी की जय घोष के साथ श्री घंटाकर्ण जी की मूर्ति को गांव में स्थित मंदिर में लाया कर स्थापित किया गया इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए श्री घंटाकर्ण मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खुल गये। इस अवसर पर माणा गांव की महिलाओं ने परंपरागत लिबास में भजन कीर्तन किये तथा श्रद्धालुओं ने जय घन्याल के उदघोष किये तथा श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।
इस अवसर पर प्रसाद वितरण किया गया तथा भंडारे का भी आयोजन हुआ इस अवसर पर माणा गांव के प्रधान पीतांबर मोल्फा ने सभी श्रद्धालुओं तथा देश- विदेश के तीर्थयात्रियों का आभार जताया।
कपाट खुलने के अवसर पर श्री घंटाकर्ण जी के देव पश्वा आशुतोष कनखोली, माणा ग्राम पंचायत प्रधान पीतांबर मोल्फा, बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, सूर्य विजय रावत, रमेश मोल्फा, नारायण सिंह चौहान, रघुवीर कंडारी, मनसा पंखोली, मीनू मोल्फा, सोनी बड़वाल, मीना चौहान सहित माणा गांव के लोग तथा श्रद्धालुजन मौजूद रहे।