रुद्रप्रयाग।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए इस साल डंडी कंडी संचालकों और घोड़े खच्चर के साथ उतने वाले हरकारों का पंजीकरण किया जाएगा।
शनिवार को रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों एवं होटल एसोशिएन के साथ हुई बैठक में यह जानकारी दी गई।बैठक में जिलाधिकारी में कहा कि श्री केदारनाथ कीज्ञयात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करना सभी की जिम्मेदारी है। और कहा कि जिला प्रशासन द्वारा यात्रा व्यवस्था को ठीक ढंग से संचालित कराने के लिए घोड़ा-खच्चरों का संचालन शासन के निर्देशानुसार किया जा रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों को कोई परेशानी व असुविधा न हो इसके लिए घोड़ा-खच्चर के साथ चलने वाले हाॅकर का पंजीकरण किया जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में बीमार एवं कमजोर घोड़ा-खच्चरों का संचालन नहीं करने दिया जाएगा। यात्रा मार्ग में घोडे-खच्चरों के साथ क्रूरता न हो, इस पर भी निगरानी रखी जाएगी।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ मार्ग पर डंडी-कंडी से तीर्थयात्रियों को ले जाने वालों की संख्या भी सीमित रहेगी। इनका पंजीकरण किया जाएगा। जिनका पंजीकरण से पहले पुलिस सत्यापन भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा। सभी डंडी-कंडी संचालकों के परिचय-पत्र भी जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों, डंडी-कंडी संचालकों एवं दुकानों के संचालन हेतु स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी सुझाव दिए गए हैं उन पर यथोचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में अध्यक्ष ट्रेड यूनियन घोड़ा-खच्चर संचालन गोविंद सिंह रावत ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए गुणवत्तायुक्त फीड की व्यवस्था की जाए एवं सभी घोड़े-खच्चरों का बीमा कराते हुए किसी भी घोड़े-खच्चरों की मृत्यु होने पर उनकी बीमा राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए तथा बीमा पाॅलिसी एक समान बनाई जाए। यात्रा मार्ग में साफ-सफाई की व्यवस्था भी दुरस्त कराई जाए। सुभाष ने अवगत कराया है कि हैली सेवा में जो स्थानीय लोग कार्य कर रहे हैं उन सभी का बीमा करवाया जाए तथा सभी को उचित वेतन उपलब्ध कराया जाए।