रुद्रप्रयाग।
श्री केदारनाथ की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ पहुंच गई है। उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने पर उत्सव डोली का परम्परागत पूजा पाठ के साथ स्वागत किया गया। उत्सव दो रात्रि पड़ाव के बाद शुक्रवार को उखीमठ पहुंची थी।
श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट भैया दूज के अवसर पर 15 नवंबर को बंद हुए थे। भगवान केदारनाथ की विग्रह डोली श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए बुद्धवार प्रथम पड़ाव रामपुर गांव में प्रवास के बाद बृहस्पतिवार देर सायं दूसरे पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची थी। शुक्रवार सुबह श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से पंचमुखी देव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान हो गयी।
पंचमुखी डोली के श्री औंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति तथा स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा भब्य स्वागत किया गया। हजारों श्रद्धालु पंचमुखी डोली दर्शन को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचे। कई श्रद्धालुजन देवडोली के साथ केदारनाथ धाम से विभिन्न पड़ावो से पैदल यात्रा कर उखीमठ पहुंचे।
शुक्रवार को केदारनाथ की विधायक शैला रानी रावत पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट् कार्याधिकारी आरसी तिवारी,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, पुजारी शिवलिंग, पुजारी शिवशंकर, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, अध्यक्ष पंचगाई हकहकूक धारी धर्मेंद्र तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान एवं डीएस भुजवाण, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल,जेई विपिन कुमार विपिन तिवारी, प्रबंधक भगवती प्रसाद सेमवाल, कुलदीप धर्म्वाण पुष्कर रावत विदेश शैव आदि मौजूद रहे।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आज शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने के पश्चात भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजायें शुरू हो गयी है। तथा इस वर्ष 2023 की श्री केदारनाथ यात्रा का समापन भी हो गया है।
बद्रीनाथ
बद्रीनाथ में कपाट बंद होने से पहले होने वाले धार्मिक आयोजनों के तहत चौथे दिन श्री बदरीनाथ मंदिर में महालक्ष्मी पूजा तथा उन्हें आमंत्रित करने की रस्में मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने अदा की।
कपाट बंद होने के अवसर पर होने वाली पंच पूजाओं के पांचवे दिन शनिवार को माता लक्ष्मी बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश करने के साथ तथा शाम 3 बजकर 33 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शायंकाल शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।इसी क्रम में मंगलवार से पंच पूजायें शुरू हो गयी 14 नवंबर को पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा अर्चना के बाद शाम को कपाट बंद हो गये बुधवार को आदि केदारेश्वर जी तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए तीसरे दिन 16 नवंबर को खडग पुस्तक पूजा शुरू हुई तथा बृहस्पतिवार शाम से वेद पुस्तकों तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया। आज शुक्रवार पूर्वाह्न रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने लक्ष्मी माता को श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया तथा धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल सहित वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की तथा कढाई भोग चढाया।
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि कपाट बंद की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंचपूजाओं के पांचवें दिन शनिवार 18 नवंबर रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान करेंगें। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आ जायेंगे तथा अपराह्न ठीक 3 बजकर 33 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।