Saturday, March 15, 2025
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Kedarnath.केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद। उखीमठ में होगी शीतकालीन पूजाएं।

Portal of Kedarnath temple closed for winter

रूद्रप्रयाग।
भारतीय सेना के बैंड के भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए।

कपाट बंद होने के मौके पर ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री भगवान के दर्शनों के लिए कड़ाके की ठंड के बावजूद केदारनाथ में मौजूद रहे। इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

श्री केदारनाथ मंदिर बुधवार को भैयादूज के पावन पर्व सुबह साढ़े आठ बजे परम्परागत पूजा पाठ और विधि- विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं।

केदारनाथ मंदिर के रावल

पिछले दिनों हुई बर्फबारी के चलते श्री केदारनाथ पुरी और आसपास का इलाका ताजे बर्फ से ढका है, जिससे ठंडी हवाएं चलने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। आस पास आधा फीट तक बर्फ मौजूद थी। बुधवार को कपाट बंद के के समय मौसम साफ था।

मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊं नम् शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।

बुधवार को ब्रह्ममुहुर्त में ही श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गये। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया।

लगभग साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया तथा उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया।
इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कपाट बंद होने के बाद आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।इसके पश्चात शीतकालीन पूजास्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हुए श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

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