Wednesday, March 19, 2025
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उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय कला प्रतिभा सम्मान समारोह देहरादून नगर निगम के टाउन हॉल में सम्पन्न्न ।

Uttarakhand State Level Art Talent Award Ceremony held at Town Hall of Dehradun

देहरादून।
उत्तराखण्ड राज्य स्तरीय कला प्रतिभा समारोह के अंतिम दिन शिक्षकों एवं छात्रों की पोस्टर, लघुचित्र लोक चित्रकला एवं शिल्पकला प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। 
इस अवसर पर वरिष्ठ कलाकार ज्ञानेन्द्र कुमार ने कहा कि कला का प्रसार शांति निकेतन से हुआ हैं। वहां पर साहित्य व कला का समन्वय है। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविख्यात  नंदलाल बोस व विश्वविख्यात मूर्तिकार रामकिंकर दास के साथ बिताये गये पलों को भी उन्होंने साझा किया। और कहा कि प्रकृति के बीच में ही कला को निखारा जा सकता है।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों में अपार प्रतिभा है। उनमें सीखने की प्रवृत्ति हमेशा बनी रहनी चाहिए।

कार्यक्रम के समापन पर श्रीमती वंदना गर्ब्याल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड ने प्रतिभागी और विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रतिभाएं सभी के भीतर होती हैं किन्तु उनकी पहचान अध्यापक ही कर सकता है।  बच्चों को यह मंच प्रदान करने के लिए उन्होंने सभी शिक्षकों का धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती सीमा जौनसारी ने कहा कि शिक्षकों के भीतर जो कला है उस कला की विधाओं को बच्चों तक पहुँचाना इसका मुख्य उद्देश्य है। वर्तमान दौर प्रतिस्पर्धा का दौर है। इसलिए इस कार्यक्रम को प्रतियोगिता का रूप दिया गया। सम्पूर्ण राज्य से इस प्रतियोगिता में शिक्षकों व छात्रों का बड़ी संख्या में प्रतिभाग करना कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करता है।
डॉ. आर. डी. शर्मा ने ज्ञानेन्द्र  व श्रीमती वंदना गर्ब्याल का आभार व्यक्त किया। और बच्चों को आगे बढ़ने के लिए महत्चपूर्ण टिप्स दिए।
इस अवसर पर  विभागाध्यक्ष, पाठ्यक्रम शोध एवं विकास विभाग एस.सी.ई.आर.टी.प्रदीप रावत ने कार्यक्रम के उद्देश्य को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा में कला का स्थान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। लोगों में अवधारणा है कि अकादमिक प्रगति ही मुख्य होती है, जबकि कला अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। कला के माध्यम से विद्यालय के वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन आता है इससे विद्यार्थी एवं शिक्षक के मध्य मधुर सम्बन्धों सेअकादमिक लक्ष्यों की सहज पूर्ति होती है।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव चेतन, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड ने कला प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम की रूपरेखा को व्यापक रूप से सभी के समक्ष व्यक्त किया।
निर्णायक के रूप में  सुशांत आर्य, निदेशक, देहरादून कॉलेज ऑफ आर्ट, देहरादून, डॉ. रीता तिवारी, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, एम.के.पी.पी.जी. कॉलेज देहरादून व डॉ. कपिल चौधरी, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, ग्राफिक एरा यूनिवार्सिटी, देहरादून उपस्थित रहे।
निर्णायक डॉ. रीता तिवारी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केवल कला का अर्थ केवल चित्र बनाना नहीं है बल्कि कला जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। कला सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। सभी प्रतिभागियों का निर्णय दिये गये मानकों के अनुरूप किया गया है। सभी का प्रयास बहुत ही सुन्दर व सराहनीय है।
शिक्षकों ने लोक चित्रकला, लघु चित्रकला व पोस्टर चित्रांकन तथा बच्चों ने शिल्पकला (मुखौटा कला) में प्रतिभाग किया।

*कार्यक्रम में लोक चित्रकला (शिक्षक)* में पुष्पा पठोई, रा.इ.का. थत्यूड़, टि.ग., पंकज शाह, रा.उ.मा.वि. भनार, कपकोट बागेश्वर, दिव्या नौटियाल, अ.उ.रा.इ.का. रुद्रप्रयाग, हिमानी, रा.बा.इ.का. कालाढूंगी, नैनीताल, कौशल गहतोरी, रा.उ.मा.वि. सुंग्लवानी, चमोली, पिंकी पाल, रा.इ.का. सभावाला, देहरादून, चारू देवी, आर.एन.आई.ई.का. भगवानपुर, हरिद्वार, शिवानी देवी, रा.इ.का. मनीना, सल्ट, अल्मोड़ा, कु. दयावन्ती, रा.इ.का. चोलूसैंण, पौड़ी गढ़वाल, डॉ, संदीप कुमार पाण्डेय, सर्व इडिया, इ.का. रोशनपुर, गदरपुर, ऊधमसिंह नगर ने अपनी कला प्रतिभा को प्रस्तुत किया।
*लघु चित्रकला (शिक्षक* ) में राजेश साना, रा.इ.का. चौड़मन्या, पिथौरागढ़, श्रीमती सुमन बिष्ट, रा.उ.मा.वि. पुंडेरगांव, जयहरीखाल, पौड़ी, भूपेन्द्र सिंह, रा.उ.मा.वि. लौंगा, सकलाना, रुद्रप्रयाग, गोविन्द, जनता इ.का. रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर, संजय प्रकाश शाह, रा.आ.इ.का. मातली, उत्तरकाशी, संजय कुमार, रा.इ.का. बांडा, टिहरी गढ़वाल, श्रीमती संध्या आर्या, रा.बा.इ.का. खुरपाताल, नैनीताल, रूमन कुमारी, रा.इ.का. दूधली, देहरादून, शशि नेगी, रा.बा.इ.का. गौचर, चमोली, दीपा आर्या, अल्मोड़ा, राजेन्द्र प्रसाद, रा.इ.का. वरदाखान, चम्पावत ने अपनी कला प्रतिभा को प्रस्तुत किया।
*पोस्टर चित्रांकन (शिक्षक)* में हरिमोहन कंसेरी, रा.इ.का. तिलसारी, बागेश्वर, वसुदेव लाल, रा.इ.का. मियांवाला, देहरादून, ज्योत्स्ना बोहरा, रा.इ.का. लोहाघाट, चम्पावत, श्रीमती अर्चना, रा.इ.का. ग्वालखुड़ा, पौड़ी गढ़वाल, अजय जोशी, रा.इ.का. पौड़ीखाल, देवप्रयाग, टिहरी, विनेश कुमार, रा.गा.न. वि. गैरसैंण, चमोली, प्रीति बिष्ट, रा.इ.का. नालापानी, देहरादून, कु. शिवानी, केवल कन्या पाठशाला, इण्टर कॉलेज मंगलौर, हरिद्वार, भूपेन्द्र चौधरी, रा.इ.का. सुन्दरखाल, नैनीताल, दीपक पाल, रा.आ. इ. का. मनेरी, उत्तरकाशी ने अपनी कला प्रतिभा को प्रस्तुत किया।
*विद्यार्थियों के शिल्पकला (मुखौटा कला)* प्रतियोगिता में बिलाल, रा.इ.का. श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल, गौरव कुमार, अटल उत्कृष्ट रा.इ.का. नाचनी, कु. ममता, चम्पावत, नितेश भारती, कु. रिया शाह, रा.गां.न.वि. गैरसैंण, चमोली, कु. आंचल, रा.उ.मा.वि. लौंग, रुद्रप्रयाग, कु. किरन लिंगवाल, रा.इ.का. किलकिलेश्वर टिहरी गढ़वाल, कु. खुशबू कश्यप, एडम्स इ.का. अल्मोड़ा, कु. आयुषी, रा.बा.इ.का. मातली उत्तरकाशी, मोहित सैनी, सर्व इण्डिया इ.का. रोशनपुर, ऊधमसिंह नगर, अभिनव नौटियाल, बालगंगा रा.इ.का. केमरा केमर, टिहरी गढ़वाल, कु. बुसरा, रा.इ.का. संधीपुर, बहादराबाद़, हरिद्वार ने अपनी कला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया।
*लोक चित्रकला विधा (शिक्षक)* में प्रथम स्थान पुष्पा पठोई, रा.इ.का. थत्यूड़, टि.ग., द्वितीय स्थान पंकज शाह, रा.उ.मा.वि. भनार, कपकोट बागेश्वर और तृतीय स्थान दिव्या नौटियाल, अ.उ.रा.इ.का. रुद्रप्रयाग ने प्राप्त किया। लघु चित्रकला (शिक्षक) में प्रथम स्थान राजेश साना, रा.इ.का. चौडमन्या, पिथौरागढ़, द्वितीय स्थान श्रीमती सुमन बिष्ट, रा.उ.मा.वि. पुंडेरगांव, जयहरीखाल, पौड़ी और तृतीय स्थान भूपेन्द्र सिंह, रा.उ.मा.वि. लौंगा सकलाना, रुद्रप्रयाग ने प्राप्त किया। *पोस्टर चित्रांकन (शिक्षक)* में हरिमोहन कंसेरी, रा.इ.का. तिलसारी, बागेश्वर ने प्रथम स्थान, वसुदेव लाल, रा.इ.का. मियांवाला, देहरादून ने द्वितीय स्थान तथा श्रीमती अर्चना, रा.इ.का. ग्वालखुड़ा, पौड़ी गढ़वाल व ज्योत्सना बोहरा, रा.इ.का. लोहाघाट, चम्पावत ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार विद्यार्थियों के शिल्पकला (मुखौटा कला) में अभिनव नौटियाल, बाल गंगा रा.इ.का. केमरा केमर, टिहरी गढ़वाल ने प्रथम स्थान, बिलाल, रा.इ.का. श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल ने द्वितीय स्थान तथा कु. आयुषी, रा.बा.इ.का. मातली, उत्तरकाशी व कु. बुसरा, रा.इ.का. संधीपुर, बहादराबाद़, हरिद्वार ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। वरिष्ठ कलाकार श्री ज्ञानेन्द्र कुमार, व निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण व अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. ने स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। साहित्यकार श्री राजेश डोभाल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डायट देहरादून से प्राचार्य श्री राकेश जुगरान जी तथा एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड से श्रीमती कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक, डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी, डॉ. आलोक प्रभा पाण्डेय, श्री देवराज राणा, डॉ. बिन्दु नौटियाल, श्री रविदर्शन तोपाल, श्री राज कुमार एवं सीमैट, उत्तराखण्ड से डॉ. मोहन बिष्ट प्रोफेशनल उपस्थित थे। रा.इ.का. बाड़वाला से प्रधानाचार्य डॉ. शैलेष श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री सोहन सिंह नेगी द्वारा रूप से किया गया। श्री राय सिंह रावत, उप निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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