गोपेश्वर।
भू-घंसाव से त्रस्त जोशीमठ की जनता पुनर्वास को लेकर आंदोलन के मूड में हैं। गोपेश्वर में प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने इस आसय की जानकारी देते हुए बताया कि यदि सरकार का रही रवैया रहा तो लोग सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की जनता को न्याय मिलने और उनके पुनर्वास की व्यवस्था होने तक संघर्ष जारी रहेगा ।
पत्रकारों से बातचीत में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, नगरपालिका जोशीमठ के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार,कमल रतूड़ी समेत अन्य आंदोलनकारियों ने जोशीमठ के हालात पर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ नगर पिछले एक साल से भीअधिक समय से भूस्खलन और भू-धंसाव की चपेट है, जिससे जोशीमठ के सैकड़ों घरों में दरारें आ गयी हैं और हजारों लोग प्रभावित हैं । इससे लोग वर्षों की मेहनत से बने अपने घरों से उजड़ कर सड़क पर आने की स्थिति में आ गए है। जोशीमठ हर दिन बड़ी तादाद में आवासीय भवन, घर, असपताल, सेना के भवन, मंदिर, सड़कें, धंसाव की जद में आते जा रहे हैं। अभी भी यह संख्या हर दिन बढ़ रही है ।
उन्होंने कहा 20 से 25 हजार की आबादी वाला यह जोशीमठ नगर, अनियंत्रित-अदूरदर्शी विकास की भेंट चढ़ रहा है । आरोप लगाया कि एक तरफ तपोवन विष्णुगाड परियोजना की एनटीपीसी की सुरंग ने जमीन को भीतर से खोखला कर दिया है दूसरी तरफ बायपास सड़क जोशीमठ की जड़ पर खुदाई करके पूरे शहर को नीचे से हिला रही है ।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग पिछले एक साल से इस समस्या को लेकर गुहार लगा रहे हैं। सर्वेक्षण का कार्य भी नगरपालिका द्वारा किया गया है। नगरपालिका ने लगभग 3000 लोगों को चिन्हित किया जो आपदा आने पर प्रभावित होंगे ।
उपेक्षा एवं संवेदनहीन रवैय्ये के खिलाफ पिछली 24 तारीख को हजारों की संख्या में जोशीमठ की जनता सड़कों पर उतरी थी। लोगों ने तत्काल पुनर्वास की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।लोग इस सर्दी के मौसम में दरारों से पटे घरों में बल्लियों के सहारे घर को टिकाए रहने को मजबूर हैं ।
उन्होंने बताया कि सोमवार और मंगलवार को भूधंसाव से सिंहद्वार वार्ड के कई और घर खतरे में आ गए हैं। इसी इलाके में अचानक पानी की धारा भी निकली है।