Search continues for missing people in Gaurikund accident
रुद्रप्रयाग।
गौरीकुंड हादसे में लापता लोगों की खोजबीन जारी है। बारहवें दिन एक शव और ख़ोजा गया। जिसकी पहचान कु0 पिंकी पुत्री अमर बोहरा निवासी चोरा, थाना दिल्ली चौरा, जिला जुमला, नेपाल राष्ट्र (उम्र 8 वर्ष) के रूप में हुई है। रुद्रप्रयाग पुलिस ने यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है किइस माह की 3 व 4 अगस्त की रात्रि में गौरीकुण्ड डाट पुलिया के समीप हुए भूस्खलन में 23 लोग लापता हो गये थे।
पुलिस के अनुसार घटना के दिन से ही इस स्थल पर युद्धस्तर पर सर्च एवं रेस्क्यू अभियान प्रारम्भ किया गया था। रेस्क्यू के 12 वें दिन आज एक बालिका का शव बरामद हुआ है, जिसकी पहचान कु0 पिंकी पुत्री अमर बोहरा निवासी चोरा, थाना दिल्ली चौरा, जिला जुमला, नेपाल राष्ट्र (उम्र 8 वर्ष) के रूप में हुई है।
गत दिवस को केदारघाटी हुई भारी बारिश के चलते मन्दाकिनी नदी का जलस्तर काफी बढ़ने के कारण रेस्क्यू कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ढूंढखोज में लगी टीमों को स्वयं की सुरक्षा के दृष्टिगत ढूंढखोज किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
अब तक लापता 08 व्यक्तियों के शव मिलने पर शवों की शिनाख्त परिजनों द्वारा कर ली गयी है, जिनका नियमानुसार पंचायतनामा एवं पोस्टमार्टम की कार्यवाही के उपरान्त शव परिजनों के सुपुर्द किये गये हैं। शेष लापता चल रहे लोगों की ढूंढखोज जारी है। जिला पुलिस, आपदा प्रबन्धन दल, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस, फायर सर्विस, सर्च एण्ड रेस्क्यू डाॅग, ड्रोन इत्यादि के द्वारा निरन्तर ढूंढखोज की गयी है।
दूसरी ओर मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के वहाँ फंसे तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू शुरू हो गया है। मंगलवार सायं तक 42 यात्रियों को सुरक्षित निकाल दिया है। रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
पुलिस की ओर से बताया गया है की घटनि सूचना के उपरान्त एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुँच गयी थी लेकिन अत्यधिक बारिश होने के कारण व नदी का जलस्तर बढ़ा होने के कारण रेस्क्यू कार्य नहीं हो पा रहा था। बारिश थमने व नदी का जलस्तर कम होने पर एसडीआरएफ व डीडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ कर यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
सोमवार सुबह भारी बर्षा के चलते मध्यमहेश्वर पैदल यात्रा मार्ग का पुल बह गया था जिससे सौ से अधिक तीर्थयात्री वहां फंसे गए थे।