दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवायें
तकनीक से धन और समय की बर्बादी पर भी लगेगी लगाम
नई दिल्ली।
सिक्स सिग्मा इंडिया और व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन (अमेरिका) ने 10 टेली मेडिसिन सेंटर शुरू किए हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की 75वीं वर्षगांठ और ”हेल्थ फाॅर आॅल“ के साथ देश के दूर-दराज के इलाकों में रहने वालों के लिए सिक्स सिग्मा इंडिया और व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन (अमेरिका) ने यह 10 टेली मेडिसिन सेंटर शुरू किए हैं।
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. प्रदीप भारद्वाज ने टेली मेडिसिन सेंटरों के शुभारंभ करते हुए बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम ”हेल्थ फाॅर आॅल“ बीते 75 वर्षों में स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद की है और हमें भविष्य में मिलने वाली चुनौतियों से लड़ने में भी सहायता कर सकता है। टेली मेडिसिन केंद्र पर 5000 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है और इस सेवा के प्रसार से स्वास्थ्य सेवा में सुधार होने की प्रबल संभावना है।
राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता और सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर की निदेशक डाॅ. अनीता भारद्वाज ने कहा, भारत का आर्थिक विकास देश वासियों के स्वास्थ्य से निकटता से जुड़ा हुआ है। बीमारियों को फैलने से रोकने, स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़ने वाले बोझ को कम करने से ही जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है। टेलीमेडिसिन केंद्रों के शुरू होने पर स्वास्थ्य सेवाओं और देखभाल के प्रतिमानों को नया आयाम दिया जा सकता है।
व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन- अमेरिका के चेयरमैन डाॅ. राजेश शाह ने कहा सिक्स सिग्मा ग्रामीण समुदाय को वित्तीय कठिनाई में पड़े बिना गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रसिद्ध है। व्हील्स ग्लोबल की टीम सिक्स सिग्मा के इस मिशन के साथ जुड़कर खुश है।
देश के उत्तर – पूर्व के राज्य अरुणाचल प्रदेश के सुदूर इलाके में स्थित गांव हाॅन्ग में टेली मेडिसिन सेंटर शुरू किए जाने पर हेल्पिंग हैंड के अध्यक्ष राॅबिन हिबु-आईपीएस ने कहा अरुणाचल के दूसरे सबसे बड़े गांव को इस सुविधा के लिए चुनने पर सिक्स सिग्मा की टीम को बहुत-बहुत बधाई। इस केंद्र के आरंभ होने से आसपास के गांवों के हजारों आदिवासी भी इससे लाभाविन्त होंगे। आप आदिवासियों के लिए देवदूत है।
इस स्वास्थ्य अभियान के तहत टेली मेडिसिन सेंटर पर लोगों को डाॅक्टरों से परामर्श, आहार विशेषज्ञ से खानपान के बारे में परामर्श, बल्ड शुगर, वनज- बाॅडी मास इंडेक्स और पल्स आॅक्सीमीटर, बल्ड प्रेशर, ईसीजी, रेडीमेड किट के साथ बेसिक लैब टेस्ट, पैथेलाॅजी रिपोर्ट पर सटीक सलाह और लोगों के लिए एम्स और एसजीआरएच जैसे बड़े अस्पतालों के साथ रेफरल की सुविधाओं की सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा लोगों को सामान्य दवाएं, प्रसूति स्त्री रोग, काॅर्डियोलाॅजी, बाल रोग, मनोरोग, हड्डी रोग, त्वचा रोग, फिजियोथेरेपी के बारे में सलाह, दंत रोग और आयुष के विषय में सलाह मिलेगी।
भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण गांवों में रहती है, जहां चिकित्सक-रोगी अनुपात का अनुपात प्रति 25,000 नागरिकों पर एक चिकित्सक (डॉक्टर) जितना कम है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पाती है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है। काफी भागदौड़ करने के बावजूद पीड़ित को सही सलाह व इलाज नहीं मिलने से उसे भारी क्षति उठानी पड़ती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए टेलीमेडिसिन न केवल रोगियों को अपना समय और पैसा बचाने में मदद करेगा, बल्कि ऐसे डॉक्टर भी उपलब्ध करायेगा जो टेलीफोन कॉल पर अपने रोगियों की तुरंत सहायता कर सकेंगे और सक्रिय रूप से गम्भीर बीमारियों के रोगियों के उपचार में सक्रिय रूप से शामिल हो सकेंगे।
डाॅ. भारद्वाज ने कहा, ”सरकार द्वारा किये जा जा रहे प्रयासों के बावजूद दूर-दारज इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पा रही है। उनका समय और धन दोनों बर्बाद हो रहा है जिसका उनके जीवन पर गहरा असर पड़ रहा है। उनकी दशा दयनीय हो गई है।“
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाने वाले 10 टेली मेडिसिन सेंटरों के लिये स्थान के चयन की सूची जारी करते हुए बताया कि सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के इस अभियान में व्हील्स ग्लोबल ने भरपूर सहयोग देने का वचन दिया है।
देश में सबसे पहले इन स्थानें पर 10 टेली मेडिसिन सेंटर खोले जाएंगे। जिनमें प्रमुख स्थान है: –
- खरहर – झज्जर, हरियाणा
- एस आर पी टाॅवर – चेन्नई, तमिलनाडु
- श्री हेमकुंड साहिब – चमोली, उत्तराखंड
- गजीवाली – हरिद्वार, उत्तराखंड
- श्री रुद्रनाथ जी – चमोली, उत्तराखंड
- केदारनाथ – रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
- हाॅन्ग – लाॅवर सुबनसरी, अरुणाचल प्रदेश
- श्री बदरीनाथ जी – चमोली, उत्तराखंड
- तिरुपत्तूर – वेल्लोर, तमिलनाडु
- मशोबरा – शिमला – हिमाचल प्रदेश आदि स्थानों पर सेंटरों की शुरूआत की गई।