गोपेश्वर।
जल्द ही बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को हिमालय के दुर्लभ वृक्षों में सुमार भोज वृक्ष की छाल पर चित्रित और लिखित सोवनियर अपने साथ ले जाने का अवसर मिलेगा। चमोली के विकास विभाग ने इसके तहत महिलाओं को प्रशिक्षित करने की योजना शुरू की है।
भोजपत्र की छाल पर पर लेखन और चित्रण को लेकर इस योजना के तहत पांच दिवसीय भोजपत्र कैलीग्राफी प्रशिक्षण जोशीमठ में सम्पन्न हो गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जोशीमठ ब्लॉक की स्थानीय महिलाओं के लिए भोज पत्र कैलीग्राफी का यह प्रशिक्षण चलाया गया था। इस कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर पुष्कर सिंह राणा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आजीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को पांच दिनों तक भोज पत्र पर बद्रीश धाम की आरती,बद्री विशाल के श्लोक,भोज पत्र की माला व कई तरह के चित्र बनाने की ट्रेनिग दी गई।
शनिवार को जिला विकास अधिकारी डॉ0 महेश कुमार ने प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में समूह के माध्यम से उक्त उत्पाद को बद्रीनाथ मे यात्रियों को उपलब्ध करवाया जाएगा जिससे समूह के सदस्यों को आत्मनिर्भर बनने में सहयोग मिलेगा।
प्रशिक्षण लेने वालों में मंजू देवी,लक्ष्मी राणा,दीपा डुंगरियाल,सुनीता राणा,मीनाक्षी चौहान,शशि थपलियाल,इंदु बिष्ट,बबली राणा,गंगा राणा रूपा राणा,ममता व शकुंतला देवी आदि थे। इस अवसर पर विकास खण्ड के खंड विकास अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर आदि उपस्थित थे।
The Himalayan birch पांच दिवसीय भोजपत्र-कैलीग्राफी प्रशिक्षण सम्पन। महिलाओं को भोजपत्र के सोविनियर बनाने का दिया गया प्रशिक्षण।
Five day Bhojpatra calligraphy training has been completed in Joshimath
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