Wednesday, March 26, 2025
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Late Hemvati Nandan Bahuguna’s birth anniversary स्व० हेमवती नंदन बहुगुणा जी की जयंती

Late Hemvati Nandan Bahuguna's birth anniversary

हरीश पुजारी
संयोजक
बहुगुणा विचारमंच
गढ़वाल-कुमाऊँ

स्व० हेमवती नंदन बहुगुणा जी की जयंती पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। उत्तराखंड में भी शहर-शहर, गांव-गलियों में इस दिन उस युगपुरुष को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में भी कल माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड समेत अनेक पूर्व मुख्यमंत्री सांसद, विधायक, जिला पालिका अध्यक्ष समेत अनेक संगठन एकत्रित होकर स्व० हेमवती नंदन बहुगुणा जी की जयंती वृहद स्तर पर मना रहे हैं। इसमें स्व० बहुगुणा के अनेक समर्थक उत्तराखंड व पूरे भारतवर्ष से वहां पहुंच रहे हैं, इस वृहद समारोह का जिम्मा स्वर्गीय बहुगुणा जी के पौत्र व पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार निभा रहे हैं, हमारी शुभकामनाएं इस समारोह के लिए प्रेषित हैं।
स्व० बहुगुणा ने देश में अनेक विकास योजनाएं भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री के रूप में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश व उत्तराखंड में शुरू की जो आज भी उनके निधन के 33 वर्ष के बाद भी याद की जाती है।
बहुगुणा जी ने एक महायोजना पूरे उत्तराखंड में दूध घी की नदियां बहाने के लिए विदेशी पशु प्रजनन केंद्र भराड़ीसैंण (गैरसैण) में वर्ष 1979 में प्रारंभ की थी, उनके भागीरथ प्रयासों से डेनमार्क से लगभग 200 गायें व सांड मंगवाए गए थे, उनके भरण-पोषण के लिए जर्मनी से ऐसी मशीनें आयातित की गई थी जो 24 घंटे में अंकुरित होकर 2-3 का चारा तत्काल उपलब्ध करवा देती थी।
इन गायों के बछड़े जो F1, F2, F3 नस्ल के पैदा होते थे पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में मामूली रकम पर किसानों व पशुपालकों को उपलब्ध करवाए जाते थे, जिससे 80-90 के दशक में पहाड़ों में दूध घी की नदियां बहने लगी। भराड़ीसैंण भी दुग्ध उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन गया यहां से जर्सी गायों का दूध रानीखेत, जोशीमठ ब्रिगेड में भी पहुंचाया जाने लगा। नैनीताल, हल्द्वानी व श्रीनगर गढ़वाल तक यहां से नियमित दूध का वितरण होने लगा यह क्रम तब तक चलता रहा जब तक बहुगुणा जी जीवित रहे आज भी गांव-गांव में जर्सी गायों का दूध प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो रहा है, परंतु इसके बावजूद जनसंख्या घनत्व बढ़ने के कारण आज जनपद चमोली में ही प्रतिदिन 3500-4000 लीटर दूध थैलियों में मैदानी क्षेत्रों से पहुंचाया जाता है, जिसकी गुणवत्ता में भी यदा-कदा प्रश्नचिन्ह लगती रहते हैं।
परंतु आज की तारीख में स्व० बहुगुणा द्वारा स्थापित भराड़ीसैंण में एक भी गाय नहीं है, जबकि पशु प्रजनन केंद्र के लिए लगभग 3000 एकड़ जमीन वहां उपलब्ध है। हमारी अकृमठता व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यहां के सभी दुधारू गायें पशुलोक, ऋषिकेश में पूर्व में ही स्थानांतरित कर दी गई हैं, भगवान जाने वे वहां की गर्मी में जीवित हैं या नहीं।
बहुगुणा विचारमंच गढ़वाल-कुमाऊँ विगत कई वर्षों से भराड़ीसैण पशु प्रजनन केंद्र को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग करता आ रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री महोदय, मुख्यमंत्री उत्तराखंड व पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा जी को भी प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गए हैं, और मंच को माननीय पशुपालन मंत्री जी से आश्वासन मिला है कि शीघ्र ही बहुगुणा जी की यादगार, पशु प्रजनन केंद्र भराड़ीसैण को पुनर्जीवित किया जाएगा, इसके लिए हम उनके आभारी हैं, इस अवसर पर बहुगुणा विचारमंच की ओर से श्री भुवन नौटियाल, भाजपा नेता व श्री सुभाष गैरोला पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, कर्णप्रयाग अल्मोड़ा में प्रतिभाग करे।

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