Friday, May 16, 2025
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डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव ने पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत राज्य के अधिकारियों से नामांकन बढ़ाने का अनुरोध किया।

Secretary, Department of Financial Services urges State officials to increase enrollment under PMJJBY and PMSBY

नई दिल्ली।

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी ने सोमवार को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक की अध्यक्षता की, ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर सूक्ष्म-बीमा योजनाओं-प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)- के कवरेज को बढ़ावा देने के लिए तीन महीने तक चलने वाले इस गहन अभियान की मुख्य विशेषताओं के बारे में उन्हें अवगत व जागरूक किया जा सके। 3 महीने का यह अभियान 01.04.2023 से 30.06.2023 तक देश के सभी जिलों को कवर करेगा।

पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा कवर के हिस्से के रूप में नागरिकों, विशेष रूप से समाज के सीमांत समुदायों को जीवन और दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना है।

पीएमजेजेबीवाई, किसी भी कारण से मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करता है, जबकि पीएमएसबीवाई, मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये और आंशिक स्थायी विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करता है। ये दोनों योजनाएँ ग्राहकों और/या उनके परिवारों को इन संभावित घटनाओं में आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

बैठक के दौरान, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से राज्यों में जनसंख्या के दायरे और आकार को देखते हुए सूक्ष्म-बीमा योजनाओं के तहत नामांकन बढ़ाने का आग्रह किया गया। वर्तमान में, पीएमजेजेबीवाई के तहत सक्रिय नामांकन 8.3 करोड़ और पीएमएसबीवाई के तहत सक्रिय नामांकन 23.9 करोड़ हैं तथा इन योजनाओं के अंतर्गत लगभग 15,500 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है।

डॉ. जोशी ने अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करने में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों का समर्थन मांगा। बड़े कदम के रूप में, सचिव, डीएफएस, 13 अप्रैल 2023 को सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक भी करेंगे, ताकि पूर्णता अभियान में पात्र लाभार्थियों की अधिकतम संख्या को शामिल करना सुनिश्चित किया जा सके।

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