देहरादून।
उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग ने पिछले ग्यारह महीनों में 3960 प्रकरणों की सुनवाई कर 2631 वाद निस्तारित किए । बुधवार वार को उत्तराखण्ड सूचना आयोग के सभागार में मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा ने प्रेस को यह जानकारी।
इस मौके पर नवनियुक्त राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट समेत आयोग के सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, विपिन चन्द्रा, अर्जुन सिंह उपस्थित थे।
मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा ने आयोग द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त अपीलों व शिकायतों के पंजीकरण एवं निस्तारण की प्रगति की जानकारी दी। और बताया कि माह जनवरी 2022 से माह नवम्बर 2022 तक की अवधि में आयोग द्वारा कुल 3960 सुनवायी की गयी, जिसमें से कुल 2631 वादों को निस्तारित किया गया।
इस अवधि में दोषी लोक सूचना अधिकारियों को दंडित करते हुए 43 प्रकरणों में लगभग 5 लाख रूपये की शास्ति/क्षतिपूर्ति भी आयोग द्वारा आरोपित की गयी।
माह नवम्बर, 2022 में आयोग द्वारा कुल 442 सुनवायी कर कुल 269 वादों को निस्तारित किया गया।
दिनांक 30.11.2022 को आयोग में कुल 2236 प्रकरण सुनवायी हेतु लम्बित हैं।
विभागों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष 10-12 प्रतिशत प्रथम अपील की गयी है।
इसी प्रकार सूचना अनुरोध पत्रों के सापेक्ष आयोग में मात्र लगभग 4 प्रतिशत द्वितीय अपील ही प्राप्त हुयी हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा 90 प्रतिशत सूचना आवेदन पत्रों के अपने स्तर पर निस्तारण किये जाने के लिए करे गये प्रयासों की सराहना की गयी।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यों / प्रयासों की भी सराहना की गई जिनके द्वारा अपने स्तर पर प्राप्त 60 प्रतिशत अपीलों का निस्तारण किया गया।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सभी लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों कि वे सूचना आवेदन पत्रों / प्रथम अपीलों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें जिससे कोविड काल के कारण लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो सके।
मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि आवेदनकर्ता को समय से सूचना देने राज्य सरकार और विभाग की छवि भी निखरती है साथ ही आवेदनकर्ताओं को संतुष्टि भी प्राप्त होगी।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम का अधिक से अधिक लाभ लेने का भी आह्वान किया।