गोपेश्वर।
सीमावर्ती जनपद चमोली आने वाले पर्यटक अब यहां की सदानीरा नदियों में फिश एंगलिंग भी करेंगे। हाल ही में फिश एंग्लिंग को लेकर राज्य सरकार ने वन विभाग को दिशा निर्देश जारी किए थे। इसी के तहत यहां फिश एंग्लिग कार्यक्रम के अन्तर्गत मत्स्य विभाग, ठंडे पानी की नदियों में ट्राउट फिश एंगलिंग की संभावना तलाश रहा है। शनिवार और रविवार को विभाग की ओर से एंगलिंग विशेषज्ञों ने नदियों का भ्रमण किया।
फिश एंग्लर्स मिस्टर अली की अगुवाई में इस चार सदस्यीय दल ने ट्राउट के लिए प्रसिद्व बालखिला नदी में प्रयोगिक फिश एग्लिंग भी की और नदी को ट्राउट फिश एंग्लिग के लिए उपयुक्त बताया।
एंग्लर्स टीम ने बालखिला नदी में प्रचुर मात्रा में ट्राउट मत्स्य बीज संचित करने, कुछ क्षेत्रों को मत्स्य आखेट के लिए प्रतिबंधित करने, नदी के तेज वहाव को कम करने हेतु मछलियों के लिए सुविधाजनक छोटे-छोटे पूल्स बनाने के सुझाव दिए है, ताकि इन छोटे पूल्स में मछलियां आसानी से रह सके।
चमोली के प्रभारी मत्स्य निरीक्षक जगदंबा ने बताया कि मछलियों की कमी को दूर करने के लिए हर साल नदियों में प्रचुर मात्रा में मत्स्य बीज डाला जाता है, लेकिन अवैध शिकारमाही के कारण बालखिला नदी में मछलियों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने बताया कि जिले की अन्य नदियों में भी फिश एग्लिंग के लिए उपयुक्त स्थानों को तैयार किया जा रहा है।