Saturday, March 15, 2025
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Uttarakhand Agriculture Department उत्तराखंड के कृषि विभाग को जल्द ही मिलेगा महानिदेशक, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, कृषि मंत्री।

Agriculture Department of Uttarakhand will soon get Director General, proposal will come in cabinet, Agriculture Minister.

देहरादून।

उत्तराखंड में मंडुवे का उत्पादन 01 लाख 25 हजार मीट्रिक टन और झंगोरे का उत्पादन 65 हजार मीट्रिक टन के लगभग है। प्रदेश की कृषि और कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी में बुधवार को कृषि एवं उद्यान से संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंडुवे का एमएसपी 35.78 रूपये से बढ़ाकर 38.46 रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों का उचित दाम मिलने से मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। और आश्वस्त किया कि शीघ्र ही विभाग द्वारा क्रय नीति बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय दोगुना करने तथा किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु सकल्पित है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि वर्ष 2025 तक श्री अन्न का उत्पादन दोगुना किया जाय तथा साथ ही साथ किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि लगभग 670 प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसाइटीज (पैक्स) के माध्यम से तथा साथ ही लगभग 61 हजार स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से भी किसानों से मंडुआ की खरीद की जायेगी। मंत्री ने कहा कि स्वंय सहायता समूहों की महिलाएं द्वारा जब किसानों से उनके घर जाकर एमएसपी पर उत्पादों की खरीद की जायेगा तो इससे बिचौलियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा तथा किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सकेगा और वर्ष 2025 तक सवा लाख बहिनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प भी साकार हो सकेगा।

प्रेस वार्ता में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन और प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार निरंतर किसानों की आय और उनके उत्पाद को दुगना करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि मंत्री जोशी ने बताया कि शीघ्र ही कृषि विभाग में एक डीजी का पद सृजित किया जाएगा और इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कृषि एवं उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार करने हेतु सर्वप्रथम दोनों विभागों दृष्टि पत्र तैयार कर अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक उद्देश्य तय किए गए है। बाह्य सहायतित परियोजना (जाइका) बागवानी के समग्र विकास हेतु जापान के सहयोग से “उत्तराखण्ड एकीकृत औद्यानिक विकास परियोजना” के रूप में उद्यान विभाग के अन्तर्गत रू0 526 करोड़ की प्रथम बाह्य सहायतित परियोजना स्वीकृत करायी गयी, जिसका क्रियान्वयन जनपद टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में किया जायेगा। दिसम्बर 2022 को जाइका परियोजना का औपचारिक शुभारम्भ जापानी अधिकारियो की उपस्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। जायका परियोजना की तर्ज पर प्रदेश के अन्य 09 जनपदों में औद्यानिकी के एकीकृत विकास के लिए ए०डी०बी० वित्त पोषण हेतु दो लाख करोड़ का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया। कीवी उत्पादन को बढ़ावा कीवी के रोपित पौधों की संख्या 2021-2022 में 93 हजार से बढ़ाकर 2022 -2023 में 2 लाख 12 हजार हुई, लगभग दोगुनी । राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत रू0 16.56 करोड़ कीवी हेतु योजना स्वीकृत करायी गयी, जिसके सापेक्ष रू0 5.00 करोड़ अवमुक्त कर सदुपयोग किया गया ।

उच्च गुणवत्तायुक्त फल पौध रोपण वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को औद्यानिकी के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान दिलाने हेतु वर्ष 2023-24 में उच्च गुणवत्तायुक्त फल पौध रोपण योजनान्तर्गत रू0 19.00 करोड बजट प्राविधान कराया गया । मिशन एप्पल योजनान्तर्गत 02 नाली भूमि वाले छोटे कृषकों को लाभान्वित करने हेतु संशोधन राज्य सैक्टर के अन्तर्गत सेब की अति सघन बागवानी को बढ़ावा देने हेतु संचालित मिशन एप्पल योजनान्तर्गत पूर्व में 20 नाली (0.40 हैक्टेयर) भूमि की बाध्यता को समाप्त करते हुए 02 नाली (0. 04 हैक्टेयर) भूमि वाले छोटे कृषकों को लाभान्वित कराने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा जहां पिछले वर्ष जहां 02 लाख सेब के पौधे लगाएं गए थे वहीं इस वर्ष 12 लाख से अधिक सेब के पौधे लगाएं गए है।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (PMFME ) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत सूक्ष्म खाद्य उद्यम स्थापना हेतु 290 प्रस्तावों के ऋण स्वीकृत कराये गये हैं। इसके साथ ही 01 इन्क्यूवेशन सेन्टर की पन्तनगर में स्थापना की गयी है, इसके अतिरिक्त 02 इन्क्यूवेशन सेन्टर (कालाढूंगी, नैनीताल व गंगालहरी, देहरादून) में स्वीकृत कराया गया । हार्टी-टूरिज्म गतिविधियो पर राज्य में स्थापित राजकीय उद्यान चौबटिया (अल्मोड़ा), रामगढ़ (नैनीताल) व धनोल्टी (टिहरी) के साथ-साथ विभिन्न राजकीय उद्यानों को हार्टी-टूरिज्म के रुप में विकसित कराया जा रहा है।उत्तराखण्ड सशक्त टीम के माध्यम से प्रस्ताव तैयार प्रदेश में सेब की उन्नत बागवानी को बढ़ावा देने हेतु अति सघन बागवानी एवं सेब भण्डारण हेतु नीति तैयार करायी गयी, जिसको मंत्री परिषद के सम्मुख प्रस्तुत किया जाना है।


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