गोपेश्वर।
भोटिया जनजाति के लोगों पर अभ्रद टिप्पणी करने वाले शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार को भोटिया समुदाय के सैकड़ों लोगों ने चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जबरदस्त प्रदर्शन किया। जनजातीय समुदाय की सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरूषों ने गोपेश्वर की सड़कों पर उतर कर दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी को लेकर अपना आक्रोश जताया।
जनजातीय समुदाय के अनेक संगठनों के संयुक्त आह्वान पर आयोजित इस आक्रोश रैली को अनेक सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया। वामसेफ, मूलनिवासी संघ, शिल्पकार सभा के साथ ही वामपंथी संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया और प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने जिला अधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया और सभा भी की गई। और बाद में जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम छह सूत्रीय ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। ज्ञापन में टिप्पणी के लिए आरोपी डा.भगवती प्रसाद पुरोहित की तत्काल गिरफ्तार की मांग की गई है। इसमें पुरोहित के लिखे गए साहित्य को प्रतिबंधित करने, इस टिप्पणी का प्रसार करने वाले अन्य आरोपियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने तथा आरोपी, जो को सरकारी सेवक है को सेवा से निकाले जाने की मांग की गई है।
आक्रोश रैली के दौरान चेतावनी दी गई है कि यदि आरोपित शिक्षक की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो विधान सभा के बजट सत्र के दौरान विधान सभा का घेराव करेंगे।
कागा गांव के प्रधान और इस आंदोलन के प्रमुख नेता पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि डा. भगवती प्रसाद पुरोहित नाम के इस शिक्षक की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से भोटिया जनजाति के लोगों पर अभ्रद टिप्पणी की गई थी। जिस पर भोटिया समाज की ओर से पहले पुलिस अधीक्षक और फिर थाना गोपेश्वर में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। लेकिन लंबे समय बाद भी उसकी गिरफ्तारी न होने पर आक्रोशित लोगों ने शनिवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में प्रदर्शन किया और विरोध जताया।
शनिवार को हजारों की संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय पहुंचे भोटिया जनजाति के लोगों ने पोस्टआफिस से लेकर गोपीनाथ मंदिर और जिलाधिकारी कार्यालय तक प्रदर्शन किया। और आरोपित शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग की।
यहां यह भी बतादें कि पूर्व में इसी शिक्षक की ओर से बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर पर भी अभ्रद टिप्पणी किए जाने का आरोप लगा था। उस मामले भी उन्हें जेल जाना पड़ा था और यह मामला भी अभी नैनीताल हाईकोर्ट में चल रहा है। दूसरी ओर आरोपित शिक्षक ने अपने वकील के माध्यम से ऐसी किसी भी टिप्पणी से इंकार किया है।
इस नए प्रकरण से भोटिया जनजाति के लोग आहत हैं। जिसको लेकर जनजाति के लोगों में खासा आक्रोश है।
जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना स्थल पर हुई सभा में बोलते हुए कहा कि सुप्या सिंह रावत, पुष्कर सिंह राणा, कुलदीप बम्पाल, धीरेंद्र गरोडिया, लक्ष्मण फरकिया, प्रमुख जोशीमठ हरीश परमार कहा कि एक शिक्षक जो समाज को सही दिशा देता है वह शिक्षक समाज को विघटित करने में लगा है। कभी एससी के लोगों पर अभ्रद भाषा का प्रयोग करता है तो कभी एसटी के लोगों को लेकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करता है। ऐसा शिक्षक समाज के लिए कलंक है और इसे समाज में खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। भोटिया समाज के लोग सीमावर्ती क्षेत्र में रहते हुए द्वितीय रक्षा पंक्ति का काम भी करते है। ऐसे में इस समाज को लेकर जो अभ्रद टिप्पणी की गई है वह बर्दास्त करने योग्य नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज किये हुए एक लंबा समय बीत जाने के बाद भी आरोपित शिक्षक की गिरफ्तारी न होना पुलिस और प्रशासन की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेज गया है। जिसमें मांग की आरोपित शिक्षक की शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। इस मौके पर सुप्या सिंह रावत, पुष्कर सिंह राणा, कुलदीप बम्पाल, धीरेंद्र गरोडिया, लक्ष्मण फरकिया, नंदी राणा, राखी राणा, धर्मेंद्र बेनाकुली, देवेंद्र, बाली देवी, धन सिंह राणा, ठाकुर सिंह राणा, दिव्या, ज्योति, ऐती देवी, श्रीदेवी, सतेश्वरी देवी, ललिता देवी और रेखा देवी, मूल निवासी संघ के पुष्कर बैछवाल, गिरीश लाल, आशा टम्टा, अंजू अग्निहोत्री, पुष्पा कोहली, वृजमोहन पलेठा, राधा बल्लभ कनियाल आदि मौजूद थे।