जोशीमठ।
लंबे समय बाद बुधवार को जोशीमठ के उपर बादल छाए है। सामने की ऊंची चोटियों में कहीं कहीं हल्की बर्फ भी गिर रही है। जोशीमठ में अभी बादल ही छाए हैं, आसपास की पहाड़ियों और हिमाछादित चोटियों से सर्द हवाओं के बहने का सिलसिला जारी है इससे मंगलवार के मुकाबले यहां बुधवार को अधिक ठंड महसूस की जा रही है।
मौसम के इस बदलते मिजाज ने जोशीमठ के आपदा पीड़ितों की चिंता और बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने भी अगले कुछ घंटों में चमोली समेत राज्य के कुछ जिलों में बारिश की संभावना जताई है। जोशीमठ में खतरे वाले जो इलाके जिला प्रशासन ने चिन्हित किए हैं वहां घरों के अलावा आंगन और आसपास की धरती भी फटी हुई हैं। कई जगह इन इलाकों में दरारें हैं जो कई इंच चौड़ी है। जोशीमठ जिस चोटी पर है उसके उपर के इलाके में सर्दियों में मौसम जब खराब होता है तो सीधे बर्फ ही दिखाई देती है लेकिन मुख्य शहर में बर्फ काफी देर से आता है,पहले बारिश से ही यहां शुरुआत होती है। मौसम ऐसा ही रहा तो बारिश आ सकती है। तेज बारिश से इन दरारों के जरिए धरती के अंदर पानी जाने से समस्या और बढ़ेगी।
राहत और बचाव में लगे राज्य सरकार के अफसर पिछले एक हफ्ते से योजना बनाने में लगे हैं। दो दिन से खतरनाक घोषित किए गए होटलों के जमींदोज किए जाने की प्लानिंग में जुटे हैं लेकिन भवन स्वामियों को विश्वास में न ले पाने के चलते अभी भी यह कार्यवाही लटकी हुई है। पिछले एक हफ्ते में धरती में जगह जगह आयी दरारों के ट्रीटमेंट के प्रयास शुरू किए जा सकते थे, जो नहीं हो पाया है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान से जोशीमठ आए विज्ञानियों ने अधिकारियों के सामने यह चिंता भी जताई थी। नाम न छापने की शर्त पर लोक निर्माण से जुड़े एक अधिकारी ने बताया की विज्ञानी बारिश से पहले ही इन दरारों के ट्रीटमेंट की सलाह दे रहे हैं। खतरनाक भवनों को हटाने के साथ लोक जीवन की सुरक्षा के लिए इन दरारों और खड्डों का ट्रीटमेंट अति आवश्यक बता चुके हैं।
जोशीमठ में अधिकारियों का जमावड़ा लगा हुआ है लेकिन निर्णय लेने की गति अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ पायी है।
यदि मौसम ऐसा ही रहता है तो ठंड और बारिश के साथ इस आपदा ग्रस्त इलाके में रह रहे लोगों की मुस्किलें और बढ़ेगी।