गोपेश्वर।
रविवार सुबह श्री उद्धव,श्री कुबेर जी और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ उत्सव यात्रा समारोहपूर्वक योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंची।
इस बीच हनुमान चट्टी, सहित कई स्थानों में देवडोलियो का परम्परागत रूप से स्वागत सत्कार किया गया। सीमा सड़क संगठन तथा स्थानीय लोगों द्वारा यात्रा में शामिल लोगों के लिए भंडारे भी लगाए गये।
रविवार को श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी योगबदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो गए हैं। इस मौके परपांडुकेश्वर ग्राम पंचायत की ओर से परम्परागत पूजा अर्चना और स्वागत किया गया। ग्राम प्रधान बबीता पंवार, सरपंच सरिता रावत, महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा देवी और ग्रामीणों ने देव डोलियों का स्वागत एवं अगवानी की।
अब छह माह की भगवान श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी की शीतकाल में पूजा- अर्चना पांडुकेश्वर में की होगी।
सोमवार 21 नवंबर को रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच जायेगी। जहां स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया जायेगा।इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें शुरु हो जायेंगी ।
सोमवार सुबह 9 .30 बजे लगभग आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रावल जी सहित योग बदरी पांडुकेश्वर हेतु प्रस्थान करेगी। इस अवसर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज, सहित रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल,स्वामी मुकुंदानंद महाराज,वेदपाठी रविन्द्र भट्ट समिति के सदस्यगण एवं मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, अवर अभियंता गिरीश रावत,दिनेश डिमरी, डा. हरीश गौड़,अमित पंवार, विकास सनवाल तथा पुजारीगण सहित बामणी एवं पांडुकेश्वर के हक हकूकधारी एवं श्रद्धालुजन तथा संतगण देव डोलियों के साथ पांडुकेश्वर पहुंचे।
बद्रीनाथ से देवडोलियां एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ उत्सव यात्रा योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंची।
Badrinath- Utsav Yatra reashes Pandukeshwar
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