गोपेश्वर।
सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों के विकास के लिए संचालित वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (जीवन्त ग्राम योजना) की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार को चमोली के मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र की अगुवाई में रेखीय विभागों के अधिकारियों ने सीमांत गांवों के शीतकालीन प्रवास स्थलों का भ्रमण कर लोगों से, इस योजना के लिए विचार विमर्श किया। अधिकारियों की टीम ने कोडिया, देवलीबगड एवं घिंघराण में जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों से सीधा संवाद किया गया। इस दौरान सीमावर्ती ग्राम पंचायत नीती, मलारी एवं माणा गांव के विकास हेतु कार्ययोजना तैयार करने पर गहनता से चर्चा की गई और सीमांत गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने एवं उनकी मूलभूत आवश्यकताओं तथा विकास की संभावनाओं को लेकर सभी के सुझाव लिए गए।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने सभी रेखीय विभागों को निर्देश दिए कि लोगों से मिले सुझावों को शामिल करते हुए सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। बैठक में परियोजना निदेशक आनंद सिंह का मार्गदर्शन सहित मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, सीवीओ डा.प्रलयंकर नाथ, खंड विकास अधिकारी एसएस भण्डारी सहित समस्त रेखीय विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।